अशुभ बृहस्पति ग्रह और घरेलु समाधान
बृहस्पति गृह नवी राशि धनु और बारहवी राशि मीन का स्वामी है । यह एक पुरुष प्रकति के गृह है जो की एकान्तप्रिय होकर ८ वे अंश पे प्रभावी है । बृहस्पति गृह पुनर्वसु ,विशाखा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रो का स्वामी भो है । यहाँ एक लम्बे अनुभव के बाद देव गुरु ब्रहस्पति को अनुकूल करने के आसान उपाय बताया जा रहे है , ध्यान रहे की गुरु ब्रह्मणों के लिए शुरू मे कर्मो के आधार पर प्रतिकूल , वेश्य के लिए अनुकूल एवं अन्य दो वर्णों के लिए सामान्य फलदायक है :-
(१ ) गुरु यन्त्र गले में धारण करे ।
(२ ) लड्डू या बूंदी का सेवन न करे ।
(३) हो सके तो गुरु की महादशा में विष्णु की आराधना कर ० ५ लड्डू अर्पित करे ।
(४ ) गुरु, साधू पुरोहित , का सम्मान करते रहे ।
(५ )० ०६ मीटर का पीला धागा लेकर पीपल के पेड़ पर गुरूवार को बंधे और पीपल के पेड़ पर केसर का तिलक लगावे ।
(६ ) शराब और गुटखा नहीं खावे ।
(७ ) घोड़ो को सात दिन तक चने की दाल खिलावे
(८) गुरूवार को गुरु के नक्षत्र में चने की दाल के नो जोड़े बनावे और उसमे हल्दी की एक गाठ मुलहठी की एक गाठ , पीपल का पाच पत्र , पीले फूल पांच , पीला केसर रखकर पीले कपडे में बाँधकर नदी में प्रहावित करे और घर आने से पहले विष्णु मंदिर जावे ।
(९ ) पीले कपडे न तौ पहने और न ही किसी को दान में दे खासतोर पर किसी की शादी में ।
अशुभ ब्रहस्पति के सामान्य लक्षण :-
पेट खराब रहना , पीलिया रोग हो जाना , महिला वर्ग की शादी में रुकावट या सगाई का टूट जाना ,
बालो का सर के बीच में से उड़ जाना , अचानक से घर में गुलाबी कलर करवा देना ,पुरुष वर्ग का महिलाओ से मनमुटाव रहना , भूख कम लगना , मीठा कम खाना आदि ।
ये समाधान आपको साईं की कृपा से जीवन में शत प्रतिशत लाभ देंगे बस आपके दिल में आस्था का होना अनिवार्य हे ।
आपका
डॉ0 संजय गील
श्री साईं ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र , चित्तोरगढ़ (राज )
09829747053