दुर्गा अष्टमी-राम नवमी पर की जाएगी मां दुर्गा एवं प्रभु श्रीराम की विशेष आराधना
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र
का बहुत महत्व है जो की चैत्र महीने
की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तक रहते है । नवरात्र
के इन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का
विधान होने के साथ ही अष्टमी को महागौरी एवं नवमी के दिन मर्यादा
पुरुषोतम भगवान श्री राम और मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां
सिद्धिदात्री का पूजा करने का विधान है । वैदिक
पंचाग के आधार पर ज्योतिषाचार्य डॉ. संजय गील ने बताया की चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि शुक्रवार , 4 अप्रैल शुक्रवार को रात 8 बजकर 12 मिनट से प्रारम्भ होकर
शनिवार, 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट तक रहेगी । इस प्रकार
दुर्गाष्टमी शनिवार 5 अप्रैल को मनायी जाएगी । ज्योतिषीय गणना के आधार पर दुर्गा
अष्टमी को निशाकाल
में दुर्लभ शिववास योग का
संयोग बनने
के साथ ही सुकर्मा योग और पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग होने से मां दुर्गा
की पूजा अर्चना से जीवन में सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी ।
मान्यता
है कि प्रभु राम का जन्म अवतार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अभिजीत मुहूर्त में हुआ था । इस
प्रकार वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र माह के
शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि शनिवार,5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर प्रारंभ होकर रविवार, 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी । उदया तिथि के अनुसार राम नवमी का महापर्व रविवार, 6 अप्रैल 2025 को पूरे भारत में मनाया जाएगा । मान्यता है कि नवमी पर मां सिद्धिदात्री और प्रभु श्री राम की पूजा करने से महिमा, गरिमा,
लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व की प्राप्ति होती
है ।इस बार राम नवमी पर चंद्रमा कर्क राशि में मौजूद रहेगा।भगवान विष्णु के सातवें
अवतार प्रभु राम का जन्म कर्क लग्न में ही हुआ था। साथ
ही इस बार राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र और सुकर्मा योग का शुभ संयोग भी बन रहा है ।
दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4:35 से 5:21
विजय मुहूर्त - दोपहर 2:30 से 3:20
गोधूलि मुहूर्त - शाम 6:40 से 7:03
निशिता मुहूर्त - रात 12:01 से 12:46
राम नवमी पूजा मुहूर्त
चूंकि प्रभु राम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था
इसलिए राम नवमी की पूजा अभिजीत मुहूर्त में करना विशेष शुभ माना जाता है. इस साल
राम नवमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक है.
मां महागौरी पूजा मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव
प्रमोददा॥ या देवी सर्वभूतेषु माता महा गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां सिद्धिदात्री मंत्र
सिद्ध
गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
राम नवमी पे करे विशेष उपाय :-
· धन की कमी
दूर करने के लिए राम नवमी की शाम को एक लाल कपड़ा लें और उस लाल कपड़े में 11 गोमती
चक्र, 11 कौड़ी, 11 लौंग और 11
बताशे बांधकर महालक्ष्मी और भगवान राम को चढ़ाएं.
· इसके सात ही
एक कटोरी में जल लेकर रामरक्षा मंत्र का 108 बार जाप करें और इस
मन्त्रित जल को घर के हर कोने में छिड़क दें.
· जीवन में
सुख शांति बनाए रखने के लिए राम दरबार के सामने जाकर घी या तेल का दीपक जलाएं और 'श्रीराम
जय राम जय जयराम' का 108 बार जाप
करें.
· संतान
प्राप्ति के लिए राम नवमी के दौरान नारियल लें और लाल कपड़े में लपेटकर मां सीता
को अर्पित करें और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जाप करे
· विवाह में आ
रही बाधाओं को दूर करने के लिए राम नवमी को शाम के समय भगवान राम और माता सीता को
हल्दी, कुमकुम और चंदन अर्पित करें और 'ॐ जय सीता राम'
का 108 बार जाप करें.
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