भद्रावास एवं  हस्त - चित्रा नक्षत्र के  दुर्लभ संयोग में मनायी जाएगी हनुमान जयंती 
हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को एक चिरंजीवी (अमर) देवता के रूप में पूजा जाता
है । मान्यता है कि वे आज भी पृथ्वी पर उपस्थित हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते
हैं एवं  उन्हें राम भक्त, संकटमोचन और
बजरंगबली जैसे अनेक नामों से जाना जाता है । हनुमान जी की भक्ति और शक्ति के कारण
हिंदू धर्म में उनकी पूजा का विशेष महत्व है । मान्यताओं एवं वाल्मीकि रामायण के
आधार पर सनातन धर्म में  हनुमान जन्मोत्सव
वर्ष में दो बार मनाया जाता है प्रथम 
कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी एवं द्वितीय विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप
में चैत्र पूर्णिमा को , क्योकि ऐसी मान्यता है कि इसी दिवस पर रामभक्त  हनुमान को नवीन जीवन प्राप्त हुआ एवं उन्होंने
अपनी समस्त खोयी हुई शक्तियों को पुनः प्राप्त किया । ज्योतिषीय गणना के आधार पर
ज्योतिषाचार्य  डॉ. संजय गील ने बताया
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया
जाता है जो कि राम नवमी के ठीक छठे दिन पड़ती है ।इस प्रकार  इस वर्ष 
शनिवार, 12 अप्रैल 2025,
को  हनुमान जयंती  मनायी जायेगी ।  ज्योतिषीय आधार पर इस वर्ष  हनुमान जन्मोत्सव पर कई
मंगलकारी योग निर्मित हो रहे  हैं, जिसमे  दुर्लभ भद्रावास योग के साथ ही  हस्त और चित्रा
नक्षत्र का संयोग है। ऐसी मान्यता है कि इन दुर्लभ योग में  हनुमान जी की आराधना  से न सिर्फ विघ्न एवं बाधाएं दूर होती है अपितु
ग्रह-दोष भी शांत होते है। यह योग दिन उन लोगों के लिए विशेष है जो शनि सम्बंधित
समस्याओं से परेशान हैं, उन्हें हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस
दिन बजरंग बाण, सुंदरकांड या रामचरितमानस का पाठ करना बेहद
शुभ माना जाता है ।
हनुमत  पूजन  शुभ मुहूर्त 
वैदिक
पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की चैत्र
पूर्णिमा तिथि शनिवार, 12 अप्रैल,
को  सुबह 03 बजकर 21 मिनट से प्रारम्भ होकर  रविवार , 13 अप्रैल के दिन
सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी ।
इस प्रकार उदयातिथि के अनुसार, इस साल की चैत्र पूर्णिमा 12
अप्रैल को मान्य होगी और इसी दिन हनुमान जयंती एवं  पूर्णिमा व्रत, सत्यनारायण कथा  और दान-स्नान किया जाएगा। 
प्रथम मुहूर्त  12
अप्रैल को सुबह 7 बजकर 34 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट
तक । 
द्वितीय मुहूर्त शाम को 6 बजकर
46 मिनट से रात  0 8बजकर 10  मिनट तक । 
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 12 :07  से दोपहर 12:58 तक ।
सन्ध्या पूजा मुहूर्त: शाम 06:45 से रात्रि 07:52 के बीच।
निशीथ काल मुहूर्त: मध्यरात्रि 11:59
से 12:44 के बीच।
 ऐसे करे हनुमान जी को
प्रसन्न 
1.     इस दिन हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें लाल फूल और नारियल चढ़ाएं।
2.     गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें।
3.     हनुमान जी का नाम लेकर 108 बार “ॐ हनुमते नमः”
मंत्र का जाप करें।
4.     हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
5.     लड्डू और मीठा पान का भोग लगाएं।
6.     हनुमान जी को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करे ।
7.     इस दिन चोला और चमेली का तेल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
