Wednesday, April 9, 2025

Hanumaan jayanti 2025 भद्रावास एवं हस्त - चित्रा नक्षत्र के दुर्लभ संयोग में मनायी जाएगी हनुमान जयंती

 

भद्रावास एवं  हस्त - चित्रा नक्षत्र के  दुर्लभ संयोग में मनायी जाएगी हनुमान जयंती

हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को एक चिरंजीवी (अमर) देवता के रूप में पूजा जाता है । मान्यता है कि वे आज भी पृथ्वी पर उपस्थित हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं एवं  उन्हें राम भक्त, संकटमोचन और बजरंगबली जैसे अनेक नामों से जाना जाता है । हनुमान जी की भक्ति और शक्ति के कारण हिंदू धर्म में उनकी पूजा का विशेष महत्व है । मान्यताओं एवं वाल्मीकि रामायण के आधार पर सनातन धर्म में  हनुमान जन्मोत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है प्रथम  कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी एवं द्वितीय विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में चैत्र पूर्णिमा को , क्योकि ऐसी मान्यता है कि इसी दिवस पर रामभक्त  हनुमान को नवीन जीवन प्राप्त हुआ एवं उन्होंने अपनी समस्त खोयी हुई शक्तियों को पुनः प्राप्त किया । ज्योतिषीय गणना के आधार पर ज्योतिषाचार्य  डॉ. संजय गील ने बताया चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है जो कि राम नवमी के ठीक छठे दिन पड़ती है ।इस प्रकार  इस वर्ष  शनिवार, 12 अप्रैल 2025, को  हनुमान जयंती  मनायी जायेगी ।  ज्योतिषीय आधार पर इस वर्ष  हनुमान जन्मोत्सव पर कई मंगलकारी योग निर्मित हो रहे  हैं, जिसमे  दुर्लभ भद्रावास योग के साथ ही  हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग है। ऐसी मान्यता है कि इन दुर्लभ योग में  हनुमान जी की आराधना  से न सिर्फ विघ्न एवं बाधाएं दूर होती है अपितु ग्रह-दोष भी शांत होते है। यह योग दिन उन लोगों के लिए विशेष है जो शनि सम्बंधित समस्याओं से परेशान हैं, उन्हें हनुमान जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस दिन बजरंग बाण, सुंदरकांड या रामचरितमानस का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है ।

हनुमत  पूजन  शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की चैत्र पूर्णिमा तिथि शनिवार, 12 अप्रैल, को  सुबह 03 बजकर 21 मिनट से प्रारम्भ होकर  रविवार , 13 अप्रैल के दिन सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी । इस प्रकार उदयातिथि के अनुसार, इस साल की चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को मान्य होगी और इसी दिन हनुमान जयंती एवं  पूर्णिमा व्रत, सत्यनारायण कथा  और दान-स्नान किया जाएगा।

प्रथम मुहूर्त  12 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 34 मिनट से सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक ।

द्वितीय मुहूर्त शाम को 6 बजकर 46 मिनट से रात  0 8बजकर 10  मिनट तक । 

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 12 :07  से दोपहर 12:58 तक ।

सन्ध्या पूजा मुहूर्त: शाम 06:45 से रात्रि 07:52 के बीच।

निशीथ काल मुहूर्त: मध्यरात्रि 11:59 से 12:44 के बीच।

 ऐसे करे हनुमान जी को प्रसन्न

1.     इस दिन हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें लाल फूल और नारियल चढ़ाएं।

2.     गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करें।

3.     हनुमान जी का नाम लेकर 108 बार “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।

4.     हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।

5.     लड्डू और मीठा पान का भोग लगाएं।

6.     हनुमान जी को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करे ।

7.     इस दिन चोला और चमेली का तेल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

Friday, April 4, 2025

दुर्गा अष्टमी-राम नवमी पर की जाएगी मां दुर्गा एवं प्रभु श्रीराम की विशेष आराधना

 दुर्गा अष्टमी-राम नवमी पर  की जाएगी  मां दुर्गा एवं प्रभु श्रीराम की  विशेष  आराधना

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र का बहुत महत्व  है जो की  चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर नवमी तक रहते  है । नवरात्र के इन  मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का विधान होने के साथ ही  अष्टमी को महागौरी एवं नवमी के दिन मर्यादा पुरुषोतम भवान श्री राम और मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री का पूजा करने का विधान है वैदिक पंचाग के आधार पर ज्योतिषाचार्य डॉ. संजय गील ने बताया की चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि शुक्रवार , 4 अप्रैल शुक्रवार को रात 8 बजकर 12 मिनट से प्रारम्भ होकर शनिवार, 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट तक रहेगी । इस प्रकार दुर्गाष्टमी   शनिवार 5 अप्रैल को मनायी जाएगी । ज्योतिषीय गणना के आधार पर  दुर्गा अष्टमी को निशाकाल में  दुर्लभ शिववास योग का संयोग बनने के साथ ही  सुकर्मा योग और पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग होने से  मां दुर्गा की पूजा अर्चना से जीवन में सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी

मान्यता है कि प्रभु राम का जन्म अवतार  चैत्र माह के शुक्‍ल पक्ष की नवमी तिथि को अभिजीत मुहूर्त में हुआ था   इस प्रकार वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि शनिवार,5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर प्रारंभ होकर रविवार, 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी । उदया तिथि के अनुसार राम नवमी का महापर्व रविवार, 6 अप्रैल 2025 को पूरे भारत में मनाया जाएगा  मान्यता है कि नवमी पर मां सिद्धिदात्री  और प्रभु श्री राम की पूजा करने से महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व की प्राप्ति होती है ।इस बार राम नवमी पर चंद्रमा कर्क राशि में मौजूद रहेगा।भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु राम का जन्म कर्क लग्न में ही हुआ था। साथ ही इस बार राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र और सुकर्मा योग का शुभ संयोग भी बन रहा है

दुर्गा अष्टमी शुभ  मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4:35 से 5:21  
विजय मुहूर्त - दोपहर 2:30 से 3:20
गोधूलि मुहूर्त - शाम 6:40 से 7:03  
निशिता मुहूर्त - रात 12:01 से 12:46

राम नवमी  पूजा मुहूर्त

चूंकि प्रभु राम का जन्‍म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था इसलिए राम नवमी की पूजा अभिजीत मुहूर्त में करना विशेष शुभ माना जाता है. इस साल राम नवमी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक है.

मां महागौरी पूजा मंत्र

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥ या देवी सर्वभूतेषु माता महा गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां सिद्धिदात्री मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

राम नवमी पे  करे विशेष  उपाय :-

·       धन की कमी दूर करने के लिए राम नवमी की शाम को एक लाल कपड़ा लें और उस लाल कपड़े में 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ी, 11 लौंग और 11 बताशे बांधकर महालक्ष्मी और भगवान राम को चढ़ाएं.

·       इसके सात ही एक कटोरी में जल लेकर रामरक्षा मंत्र का 108 बार जाप करें और इस मन्त्रित जल को घर के हर कोने में छिड़क दें.

·       जीवन में सुख शांति बनाए रखने के लिए राम दरबार के सामने जाकर घी या तेल का दीपक जलाएं और 'श्रीराम जय राम जय जयराम' का 108 बार जाप करें.

·       संतान प्राप्ति के लिए राम नवमी के दौरान नारियल लें और लाल कपड़े में लपेटकर मां सीता को अर्पित करें और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जाप करे

·       विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए राम नवमी को शाम के समय भगवान राम और माता सीता को हल्दी, कुमकुम और चंदन अर्पित करें और 'ॐ जय सीता राम' का 108 बार जाप करें.

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