रत्न ,मंत्र ,यन्त्र एवं ओषधि द्वारा ग्रह बाधा निवारण
यह सर्वविदित है की इस धरती पर चाहे इंसान हो या पशु -पक्षी सभी पर ग्रहो का प्रभाव निश्चित रूप से लक्षित होता है , तब ही तो एक साधारण सा शवान किसी करोड़पति की गाडी में आराम फरमाता है और एक इंसान को छत छुपाने के लिए जगह नहीं मिल पाती है । यह सब ग्रहो का ही खेल है , आज इसी सम्बन्ध में हम यहाँ चर्चा करेंगे कि किस प्रकार प्रतिकूल ग्रहो को रत्न ,मंत्र ,यन्त्र और औषधि के माध्यम से अनुकूल किया जा सकता है ।
जब इंसान का गर्भाधान होता है तब से इस ब्रह्माण्ड में मोजुद ग्रहो , नक्षत्रो और किरणो का प्रभाव प्रारम्भ हो जाता है , कई गृह शुभ होते हुए भी दूषित होकर अशुभ परिणाम देते है और कई बार अशुभ ग्रह शुभ फलो के कारक बन जाते है । यहाँ मै बताना चाहूंगा कि ग्रहो की गणना देश ,काल और परिस्थ्ती के आधार पे हो तो ज्यादा उचित होगा ।
अब हम जानते है कि किस प्रकार ग्रहो कि बाधाओं को को रत्न ,मंत्र ,यन्त्र और औषधि के माध्यम से अनुकूल किया जा सकता है ।
(1 ) सूर्य ग्रह और बाधा निवारण -
नेत्र रोग , चर्म रोग और समस्त रोगो के निवारण , आयु वृद्धि , सर्वकामना हेतु सूर्य का अनुकूल होना बेहद जरुरी हे । इस हेतु आप ताम्बे के पात्र में लाल चन्दन से अष्ठ कमल दल लिखकर उस पर सूर्य पूजा करे । भोजन से पहले लाल कपडे पहन कर ॐ सूर्याय नमः का 540 बार जाप करे , लाल चन्दन का तिलक लगाए । व्रत के दिन चावल , गेहु , घी ,और गुड से बना भोजन करे सूर्यास्त से पहले । याद
रहे अगर नेत्र सम्बन्धी रोग हे तो नमक नहीं खाए ।
सूर्य ग्रह का अचूक मंत्र -
रसेन्दु नगवानरामा युग्माढ़कवेदा नवकोष्ठ मध्ये ।
विलिख्यधार्य गद नाशनाय वदन्ति गर्गा दि मुनीन्द्रा :।।
शेष अगले ब्लॉग में --------------------------
शुभम् भवतु।
सदैव आपका
डॉ० संजय गील
साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र , चित्तौड़गढ़ (राज )
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