सर्वार्थसिद्धि के शुभ संयोग में मनायी जायेगी महाशिवरात्रि
इस महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र और शिव योग , मकर राशि का चंद्रमा होने के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग का निर्माण शिव भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाला है। हिन्दू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया कि इस वर्ष महाशिवरात्रि का पावन पर्व 8 मार्च दिन शुक्रवार को ही है, मुख्यतया महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को होती है, जिसे फाल्गुन मासिक शिवरात्रि भी कहाँ जाता हैएवं इसका समापन इस वर्ष अगले दिन अर्थात 9 मार्च को शाम 6:17 बजे होगा।
मान्यताओ के आधार पर कुछ विद्वानों के मतानुसार इस दिवस पर माँ पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था, वही मतांतर के आधार पर यह भी मान्यता है कि महाशिवरात्रि दिवस पर भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए जिनकी सर्वप्रथम ब्रह्म और विष्णु ने पूजा अर्चना की थी। धार्मिक ग्रंथो के आधार पर यह भी मान्यता है कि माता लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती और माता रति ने भी कल्याण हेतु विशेष उपासना की। इस प्रकार महाशिवरात्रि को पर्व प्रलय और निर्माण का भी प्रतीक माना गया है
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त
ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया कि भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए 4 प्रहर मुहूर्त शुभ हैं।मान्यता है कि भोलेनाथ की पूजा-अर्चना प्रदोष काल में करना अतिउत्तम है साथ ही महाशिवरात्रि के संबंध में उदया तिथि की परिपालना जरूरी नहीं है।
प्रथम प्रहर:शाम 6:25 से लेकर रात 9: 28 बजे तक.
द्वितीय प्रहर: रात 9:28 बजे से रात 12:31 बजे तक.
तृतीय प्रहर : रात 12:31 बजे से प्रातः 3: 34 बजे तक.
चतुर्थ प्रहर: प्रात: 3:34 बजे से प्रात: 06:37 बजे तक
कैसे करें पूजा
1. महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
2. इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना बेहद शुभ माना जाता है.
3. इसके सबसे पहले शिव भगवान की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें.
4. पूजा-अर्चना के दौरान आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
5. पूजा के दौरान भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं.
6. ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
7. इस दिन आप भगवान गणेश और माता पार्वती की भी पूजा करें.
8. शंकर भगवान को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से पूजा करें.
9. भगवान शिव को केसर युक्त खीर का भोग जरूर लगाएं.
10. इस दिन पूरी रात भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाना चाहिए.
बन रहे ये शुभ संयोग
हिन्दू पंचांग के आधार पर इस महाशिवरात्रि अद्धभुत ज्योतिषीय योग निर्मित हो रहे है, जिसमे सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः 06:38 बजे से प्रातः 10:41 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग,सूर्योदय से रात्रि 12:46 तक शिवयोग,रात्रि 12:46 से 09 मार्च रात्रि 08:32 सिद्ध योग रहेगा,जबकि इसी दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र भी रहेंगे।
शिव योग
यह योग शुभ योगों में से एक है।शिव योग में साधना, मंत्र जाप आदि के लिए अच्छा होता है। महाशिवरात्रि के दिन बना शिव योग आपको शुभ फल प्रदान करने वाला है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो कार्य करेंगे, उस कार्य की सिद्धि होगी यानी सफलता की प्राप्ति होगी।यदि सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार या गुरुवार के दिन बनता है तो उस दिन कोई भी तिथि हो, उसके प्रभाव का क्षय नहीं होता है।सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि की पूजा आपके मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अच्छा है।
सिद्ध योग
महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त के समय सिद्ध योग होगा और महाशिवरात्रि व्रत के पारण के समय भी सिद्ध योग है।इस योग के स्वामी गणेश जी हैं, जो शुभता और सफलता प्रदान करते हैं।वे विघ्न और बाधाओं को दूर करने वाले हैं। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं।किसी भी कार्य में सिद्धि के लिए इस योग को प्राथमिकता देते हैं। महाशिवरात्रि पर आप इस योग में जिस भी मनोकामना से शिव पूजा करेंगे, वह पूर्ण हो सकती है।
श्रवण नक्षत्र
इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और वे भगवान शिव के परम भक्त हैं.इस नक्षत्र में जो भी कार्य किए जाते हैं, वे सामान्यतया शुभ माने जाते हैं। जो लोग श्रवण नक्षत्र में जन्म लेते हैं, वे धनी, सुखी और प्रसिद्ध होते हैं. शनिवार के दिन श्रवण नक्षत्र अतिशुभ माना जाता है।
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