Monday, June 17, 2024

ग्रहों के पंचयोग एवं स्वाति नक्षत्र में निर्जला एकादशी व्रत रखेंगे विष्णु उपासक (NIRJALA EKAADASHI 2024)

ग्रहों के पंचयोग एवं स्वाति नक्षत्र में निर्जला एकादशी व्रत रखेंगे विष्णु उपासक

निर्जला एकादशी जिसे भीमसेनी, पांडव एकादशी भी कहते हैं,पर इस बार बेहद खास संयोग बन रहा है। एकादशियों में श्रेष्ठ निर्जला एकादशी व्रत मंगलवार,18 जून को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया कि सात वर्ष बाद इस बार पंच योग और स्वाति नक्षत्र में लोग निर्जला व्रत रखेंगे, जो काफी फलदायी होगा। साथ ही इस दिवस पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। सनातन धर्म  में  मुख्यतया चौबीस एकादशी पर लोग व्रत और भगवान विष्णु का पूजन-अर्चन करते हैं, जिसमे से ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से सालभर की एकादशियों के व्रत का फल मिल जाता है। 

एकादशी मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया कि इस बार स्वाती नक्षत्र और जययोग, त्रिपुष्कर, रवि, शिव, ध्वज योग बन रहा है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि सोमवार, 17 जून को 5:11 बजे पर लगेगी, जो मंगलवार,18 जून को सुबह 6:26 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर निर्जला एकादशी व्रत मंगलवार,18 जून को रखा जाएगा। इसी प्रकार स्वाति  नक्षत्र सोमवार को दोपहर 1:51 बजे से अगले दिन शाम 3:57 बजे मिनट तक रहेगा।

मान्यता है कि इस दिवस  भगवान विष्णु का ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही  गो, वस्त्र, छत्र, फल और पानी से भरे हुए घड़े आदि का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।  महाभारत पर्व के अनुसार ऋषि व्यास ने भीम को अपनी भूख पर नियंत्रण के लिए निर्जला एकादशी व्रत रखने की सलाह दी। उन्होंने इस व्रत से 24 एकादशियों के पुण्य का फल प्राप्त किया।निर्जला एकादशी बिहार और उत्तरप्रदेश के कुछ स्थानों पर तुलसी  बीजारोपण भी देखने को मिलता है।

Dr. Sanjay Geel

Astrologer

Sai Astrovision Society, Chittorgarh

7425999259,9829747053

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