कुम्भ राशि में हो रहे  शनि अस्त, सभी राशियों पर पड़ेगा विविध प्रभाव 
ज्योतिष शास्त्र में शनि का गोचर,
वक्री होना और अस्त होना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है । वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि के स्वामी ग्रह
शनि देव को माना गया है । ग्रहों की चाल में शनि का स्वयं की राशि में अस्त होना अत्यंत
 महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि  सभी नौ ग्रहों में शनिदेव की गति सबसे धीमी है । वैदिक पंचांग के आधार 
ज्योतिर्विद  डॉ. संजय गील ने बताया
की  न्याय के देवता शनि कुंभ राशि में शुक्रवार, 28 फरवरी 2025 को रात्रि  07.06 मिनट पर अस्त होकर  और बुधवार,  9 अप्रैल 2025 को सुबह 05.03 पर मीन राशि में उदय होंगे ।वर्तमान में शनि कुंभ राशि में है एवं शनिवार, 29 मार्च
2025 को रात 9:41 पर मीन राशि में
प्रवेश करेंगे । ज्योतिषीय गणनाओ  के
अनुसार शनि अस्त होने के बाद अपनी कमजोर अवस्था में रहेंगे, किन्तु  वर्तमान में  सूर्य और शनि की युति कुंभ राशि में होने से सभी
राशियो को प्रभावित अवश्य ही करेंगे । 
इसी प्रकार शनिवार,  29 मार्च 2025 को शनि के  मीन राशि में प्रवेश करते
ही  कुछ राशियों  पर साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी तो कुछ को
इससे राहत मिलेगी । मुख्यतः  शनी के गोचर के साथ ही  मकर राशि वालों पर चल रही साढ़ेसाती खत्म होकर  मेष राशि पर साढ़ेसाती प्रारंभ होगी । साथ ही मीन राशि पर साढ़ेसाती का
दूसरा चरण, कुंभ राशि पर अंतिम चरण और मेष राशि पर
पहला चरण शुरू होगा। वृश्चिक राशि के जातकों पर जहां ढैया समाप्त होगी जबकि धनु
राशि वालों पर ढैया की शुरुआत हो जाएगी ।ज्योतिषीय गणना और मान्यताओ के आधार पर वर्तमान में शनि
अस्त के अस्त होने का प्रभाव इस प्रकार देखा जा सकेगा -
मेष राशि - सामाजिक संबंधों और आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव ।
वृषभ राशि – रोज़गार संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है ।उच्च
अधिकारियों के साथ अनबन एवं दुर्घटना की आशंका ।
मिथुन राशि - पिता के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर
एवं उच्च अध्ययन में विलम्ब की संभावना । 
कर्क राशि - ससुराल पक्ष से अनबन एवं अत्यधिक व्यय के साथ लाभ की संभावना । 
सिंह राशि - प्रेम संबंध में या बिजनेस पार्टनर के साथ विवाद एवं निजी क्षेत्र में
कार्य कर रहे जातको को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है  ।
कन्या राशि – प्रतिकूल स्वास्थ्य एवं  कड़ी
प्रतिस्पर्धा की संभावना । यदि कोई  कोर्ट केस या कानूनी प्रकरण है तो प्रतिकूल
परिणाम की संभावना 
तुला राशि -  संतान संबंधी चिन्ताओ में बढोत्तरी एवं  सामाजिक संबंधों में भी परेशानियां आ सकती हैं । ऋण लेने और देने से बचे । 
वृश्चिक राशि - शनि देव चौथे भाव में अस्त होकर ढैय्या के माध्यम से मां के संबंध में
उतार-चढ़ाव का कारण बन सकते हैं । कोई
प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बनाएं तो सतर्क रहें । 
धनु राशि - यात्राओं करने के दौरान परेशानी हो सकती है ।  भाई-बहनों के साथ संबंधों
में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं ।
मकर राशि -  पारिवारिक विवाद एवं  आर्थिक
क्षति की पूर्ण संभावना । शेयर मार्केट में निवेश करने बचें,
क्योंकि शनि देव की दृष्टि आठवें भाव पर पड़ रही है ।
कुंभ राशि -  भाई-बहनों के साथ संबंध प्रभावित होंगे। विवाह में परेशानी हो सकती है । कार्यस्थल पर नौकरीपेशा जातकों को काम का अधिक दबाव महसूस एवं
स्वास्थ्य में गिरावट । 
मीन राशि -  आर्थिक परेशानिया  एवं  कर्ज में बढ़ोतरी की संभावना ।
ये करे उपाय –
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दशरथकृत शनि स्त्रोत अथवा शनि स्तवराज का नित्य पाठ करे ।
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अनाथ, निर्धन
वर्ग की सेवा करे ।
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 महिलाओ का सम्मान करे ।
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नंगे पैर शनि मंदिर जावे । 
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काली गाय को गुड खिलावे ।
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पीले कपडे और दाए हाथ पर पीला धागा बांधे ।
