सूर्य, बुध और शनि के विशेष त्रिग्रही योग में मनायी जायेगी महाशिवरात्रि
सनातन धर्म में महादेव के प्रिय दिवस महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है । इस वर्ष महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र में शिव योग , मकर राशि के चंद्रमा होने के साथ ही अमृत सिद्धि और सिद्ध योग का निर्माण शिव भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाला है । वैदिक पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया कि इस वर्ष महाशिवरात्रि का पावन पर्व बुधवार , 26 फरवरी 2025 को है एवं इसका समापन अगले दिन अर्थात गुरूवार 27 फरवरी को प्रातः 08:54 बजे होगा । मुख्यतया महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को होती है, जिसे फाल्गुन मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है । मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर माँ पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था, वही मतांतर के आधार पर यह भी मान्यता है कि महाशिवरात्रि दिवस पर भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए जिनकी सर्वप्रथम ब्रह्म और विष्णु ने पूजा अर्चना की थी। यह भी मान्यता है कि माता लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती और माता रति ने भी कल्याण हेतु विशेष उपासना की। इस प्रकार महाशिवरात्रि को पर्व प्रलय और निर्माण का प्रतीक भी माना गया है ।
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त
मान्यताओ के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया कि महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना किसी भी समय की जा सकती है , किन्तु प्रदोष काल एवं पूजा के निमित्त निर्धारित चार प्रहर इस हेतु अति उत्तम है । साथ ही महाशिवरात्रि के संबंध में उदया तिथि की परिपालना जरूरी नहीं है। इन शुभ मुहूर्त में उपवास, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप और विशेष अनुष्ठान एवं प्रहरनानुसार मंत्रो का जाप कल्याणकारी रहेगा ।
प्रथम प्रहर पूजा– सायं 06:29 से रात्रि 09 बजकर 34 मिनट तक ।
मन्त्र :- ॐ हीं ईशानाय नम:
द्वितीय प्रहर पूजा - रात्रि 09:34 से 12 बजकर 39 मिनट तक ।
मन्त्र :- ॐ हीं अघोराय नम:
तृतीय प्रहर पूजा- रात्रि 12:39 से प्रातः 03 बजकर 45 मिनट तक ।
मन्त्र :- ॐ हीं वामदेवाय नम:
चतुर्थ प्रहर पूजा – प्रातः 03:45 से 06 बजकर 50 मिनट तक ।
मन्त्र :- ॐ हीं सद्योजाताय नम:
निशिता काल मुहूर्त: बुधवार ,26 फरवरी 2025, मध्यरात्रि 12:09 बजे से 12:59 बजे तक ।
महाशिवरात्रि व्रत पारण समय :- गुरूवार ,27 फरवरी प्रातः 06 बजकर 48 मिनट से 08:54 मिनट तक ।
बन रहे ये ज्योतिषीय संयोग
वैदिक पंचाग के के आधार पर इस महाशिवरात्रि अद्धभुत ज्योतिषीय योग निर्मित हो रहे है, जिसमे महाशिवरात्रि के दिन मकर राशि में सूर्य, बुध और शनि का विशेष त्रिग्रही योग बन रहा है। यह योग सफलता और समृद्धि का प्रतीक है। महाशिवरात्रि के दिन शिव योग और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। इन योगों में की गई पूजा-अर्चना से मनोकामनाएं जल्दी पूर्ण होती हैं। इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग में किए गए कार्य और व्रत का फल कई गुना अधिक मिलता है,जबकि इसी दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र भी रहेंगे ।
ऐसे करें महादेव को प्रसन्न
1. महाशिवरात्रि के दिन सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें ।
2. इसके सबसे पहले शिव भगवान की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें ।
3. पूजा-अर्चना के दौरान आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए ।
4. अभिषेक के दौरान भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं ।
5. ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें ।
6. इस दिन आप भगवान गणेश और माता पार्वती की भी पूजा करें ।
7. शंकर भगवान को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से पूजा करें ।
8 भगवान शिव को केसर युक्त खीर का भोग जरूर लगाएं ।
9. इस दिन पूरी रात भगवान शिव के समक्ष दीपक जलाना चाहिए ।
Dr. Sanjay Geel
Sai Astrovision Society, Chittorgarh
9829747053,7425999259
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