अतिचारी बृहस्पति का कर्क राशि में प्रवेश
मिथुन, कन्या , वृश्चिक एवं मीन राशि के जातको की चमकेगी किस्मत
बृहस्पति ग्रह वर्तमान में 8 वर्षों के लिए अपनी अतिचारी गति पर हैं अर्थात सामान्य रूप से एक वर्ष तक एक ही राशि में गोचर करने वाला गुरु ग्रह मिथुन में जाते ही अतिचारी हो चला है और अब एक वर्ष में दो से तीन राशियों में गोचर कर रहा है। वर्तमान में अल्पकाल के लिए मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर कर रहा है। इस गोचर के चलते सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है। फिलहाल कर्क में गोचर से 4 राशियों की किस्मत का तारा चमका हुआ है। ज्योतिषीय गणना के आधार पर इस वर्ष देव गुरु बृहस्पति अतिचारी होते हुए तीन राशियों में भ्रमण करेंगे, जिसमे वृषभ राशि में 1 जनवरी से 15 मई तक रहने के बाद मिथुन राशि में 15 मई से 19 अक्टूबर तक । वर्तमान में कर्क राशि में गोचर करते हुए 4 दिसंबर को वक्री अवस्था में वापस मिथुन राशि में लौट जाएंगे। वेसे इसका प्रभाव जहाँ जहाँ गुरु कि नजर पड़ेगी वहा तो होगा ही लेकिन इन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है –
1. मिथुन राशि:बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर आपके दूसरे भाव (धन भाव) में होगा। यह गोचर कार्यक्षेत्र, नौकरी और विशेषकर आर्थिक मामलों में बहुत सकारात्मक परिणाम देगा। पारिवारिक सुख-समृद्धि बढ़ेगी। विवाह और संतान से संबंधित मामलों में सफलता मिल सकती है। यह गोचर आपको प्रतिस्पर्धियों से आगे ले जाएगा और संपत्ति संबंधी मामलों में भी अच्छे परिणाम देगा। सप्तम भाव के स्वामी का उच्च का होना दांपत्य सुख और व्यापार के लिए अनुकूल है।
2. कन्या राशि:बृहस्पति का गोचर आपके लाभ भाव में होगा। सप्तम भाव के स्वामी का उच्च होकर लाभ भाव में जाना व्यापार-व्यवसाय के लिए बहुत अच्छा है। विवाह, वैवाहिक जीवन, और संतान संबंधी मामलों में अनुकूलता रहेगी। पद-प्रतिष्ठा की संभावनाएं मजबूत होंगी और वाहन तथा भोग विलास के साधनों में वृद्धि होगी। यह गोचर काफी अच्छे परिणाम देगा।
3. वृश्चिक राशि: बृहस्पति का गोचर आपके भाग्य भाव में होगा। यह गोचर भाग्य में वृद्धि करेगा, धार्मिक यात्राएं करवाएगा और मान-सम्मान दिलाएगा। कामों में सफलता मिलने से आर्थिक लाभ अच्छा होगा। पंचम भाव के स्वामी का उच्च होना संतान के लिए और विद्यार्थियों के लिए बहुत शुभ है, जिससे वे अपने विषय पर अच्छे से ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। आध्यात्मिक मामलों से भी लगाव बढ़ेगा।
4. मीन राशि: बृहस्पति का गोचर आपके पंचम भाव में होगा। लग्न और दशम भाव के स्वामी का पंचम भाव में जाना कई मामलों में बहुत अच्छे परिणाम देगा। शिक्षा (विशेषकर व्यावसायिक शिक्षा) और प्रेम संबंधों में अनुकूलता रहेगी। संतान, सगाई, और विवाह संबंधी मामलों में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। दांपत्य सुख में बढ़ोतरी होगी और पद-प्रतिष्ठा बढ़ाने में यह गोचर सहायक होगा।
Dr.Sanjay Geel
President
Sai Astrovision Society, Chittorgarh
9829747053,7425999259
 
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