पालकी पर सवार होकर आएंगी माता दुर्गा
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में माँ दुर्गा बरसायेगी भक्तो पर विशेष कृपा
हिंदू धर्म में नवरत्रि पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है एवं नवरात्रि के दिवसों को अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया हैं । मुख्यतः हिन्दू वर्ष में चार नवरात्रि होती है, जिसमे इसमें दो प्रत्यक्ष और दो गुप्त नवरात्रि की मान्यता है । चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रि में देवी प्रतिमा स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा-आराधना की जाती है, वहीं आषाढ़ और माघ मास में की जाने वाली देवीपूजा "गुप्त नवरात्रि" के अंतर्गत आती है। जिसमें केवल मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योति प्रज्वलित कर या जवारे की स्थापना कर देवी की आराधना की जाती है।
मान्यताओं के आधार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं के पूजन का विधान है । इन महाविद्याओं में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला स्वरुप सम्मिलित हैं । धार्मिक ग्रंथों में माघ माह को पूजा-पाठ और स्नान-दान के लिए बेहद शुभ माना गया है, जिसे इस माह में आने वाली गुप्त नवरात्रि माह की महत्ता को अधिक बढ़ाती है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा पाठ करने से रुके हुए कार्यों में आ रही बाधाएं समाप्त होती है ।
गुप्त नवरात्र मुहूर्त
वैदिक पंचांग के आधार पर ज्योतिषाचार्य डॉ. संजय गील ने बताया की अनुसार बुधवार, 25 जून को शाम 04 बजे से आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी, जिसका समापन गुरूवार, 26 जून को दोपहर 01:24 मिनट पर होगा । इस प्रकार उदया तिथि के आधार पर गुप्त नवरात्र एवं घट स्थापना गुरूवार, 26 जून 2025 को ही होगी ।
• कलश स्थापना मुहूर्तः सुबह 4.33 बजे से 6.05 बजे तक (कुल 1 घंटा 32 मिनट की अवधि)
• घटस्थापना अभिजित मुहूर्तः सुबह 10:58 बजे से 11:53 बजे तक ।
पालकी पर सवार होकर आएंगी माता दुर्गा
नवरात्रि में माता दुर्गा के वाहन का विशेष महत्व होता है, जब भी नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ होती है तो मां पालकी में सवार होकर आती हैं । मान्यता है कि माँ के पालकी या डोली में सवार होकर आने से आने वाले समय में महामारी, अर्थव्यवस्था में मंदी,हिंसा, प्राकृतिक आपदाओं ,बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है ।
ये करे विशेष उपाय
• धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि के पहले दिन 9 गोमती चक्र लेकर देवी दुर्गा के पास रख दें। अब इन चक्रों को नवरात्रि के अंतिम दिन पर एक लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आर्थिक समस्याएं समाप्त होती हैं।
• गुप्त नवरात्रि के दिनों में निशिता काल मुहूर्त के समय देवी दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं। ऐसा करना पर नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
• गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है, साथ ही लंबे समय से चल रही समस्याएं भी समाप्त होती हैं।
• ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दिनों में रात के समय भैरव बाबा को जलेबी और इमरती का भोग लगाएं।मान्यता हैं कि इस उपाय को करने से राहु-केतु, शनि दोष से मुक्ति प्राप्त हो सकती हैं।
• गुप्त नवरात्रि की पूजा के दौरान माता को कमल का फूल अर्पित करें, इससे जीवन में खुशियों का वास होता है।