Saturday, November 9, 2013

KESE JANE KUNDLI SE VAASTU GYAN

केसे  जाने  कुंडली  से  वास्तु  ज्ञान

भारतीय  वैद  और  प्राचीन  मनीषियों  ने  अपने अथक  प्रयासो  से ज्योतिष  का  प्रकाश  संपूर्ण  संसार  में  संचारित  किया  और  सच  यह  है  कि  आज  विदेशी  हमारे  महान  ग्रंथो  के सहारे  चल रहे है , किन्तु  ज्योतिष  एक  ईश्वर  और सद्द गुरु  का आशीर्वाद  है  जिसे  केवल  किताबो  से हासिल  नहीं किया जा  सकता  ज्योतिष  में  सफलता  के  लिए  जरुरी  हे  यम  और  नियम  कि परिपालना । 

               इसी  सम्बन्ध  में  हम आपको  बताने  जा  रहे  है  किस प्रकार  एक सफल  ज्योतिष  बिना आपके घर  आये  आपको यह  बता  देता है की  आप किस  दिशा  में  रहते  है , आपके मकान का  कलर  कोनसा है  और  आप किस  फ्लोर  पे  रहते  हो ।  जब भी कोई ज्योतिषी   इस  प्रकार की गणना  आपको बताता  हे  तो आप  उस  पर  अंधविश्वास  करने  लगते  है , परन्तु  यह एक छोटा सा मेथड  है  जो आप  भी  कर सकते है , यहाँ  आज साईं  ज्योतिष  अनुसन्धान  वहीं  मेथड  कुंडली  के द्वारा  बताने का प्रयास  कर  रहा  है -

यहाँ  कुंडली  में  १२  भावो  को दर्शाया  गया  है  और बताया गया  हे  कि  २  भाव  धन  का ,

५  वा  भाव  संतान  का ।  मगर ऐसा क्यों  है ? क्या  २व भाग  पत्नी  का  नहीं  हो  सकता ।  वास्तविकता  में  यहाँ  हर  भाव  एक  दूसरे  से जुड़ा हुआ  है , आइये  अब हम  देखते  हे  की  किस प्रकार  एक कुंडली  किसी  भी  इंसान  का वास्तु  केसे  दर्शाती  है -

जिस प्रकार  किसी भी मकान  कि चार  दिशा  होती है  उसी  प्रकार  एक व्यक्ति  कि कुंडली  से भी  दिशा  का ज्ञान  होता  है , आपको यहाँ  सिर्फ  व्यक्ति  कि कुंडली  में  ४ वा  भाव  देखना  है  और  पता  करना है ,कि  वहा  कोनसी राशि है  जेसे  ९  तो  इसका  अर्थ हुआ  कि धनु राशि  अर्थार्त  पूर्व  दिशा  में  जो मकान है  वहा  वो पर्सन  रहता है  अब अगर वो  घर  का मुखिया हे  तो  लगन  कि राशि देख ले  जेसे  ४ था  भाव  धनु  का हे  तो  पहला भाव का  स्वामी  ६ नंबर यानि  बुध  हुआ  तो  आप देखेगे  कि उसके मकान का कलर पिंक या  ग्रीन  मिक्स  होगा। 

                  तो  आज से आप भी  शुरू  कर दे  ज्योतिष से  चमत्कार ।

ॐ  साईं  राम ।



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