श्राद्ध पक्ष में करे पितृदोष की शांति का सरल उपाय ।
आज बताया जा रहा है कि कैसे आसानी से पायें पितृदोष से शांति—पीपल के पास यह चमत्कारी मंत्र बोल कर—
शास्त्रों के मुताबिक पितृ ऋण से मुक्ति के लिये पितृपक्ष में पितरों का स्मरण बहुत ही शुभ फल देता है। इसके लिए श्राद्ध का महत्व बताया गया है। किंतु शास्त्र कहते हैं कि नियत तिथि या काल में पितरों की शांति न होने पर परिवार में पितृदोष उत्पन्न होता है। यह पितृदोष जीवन में अनेक तरह रोग, परेशानियां व अशांति लाने वाला माना गया है।
शास्त्रों की मानें तो अगर आप भी जीवन में तन, मन या आर्थिक परेशानियों से जूझ रहें हैं तो पितृदोष के संकेत हो सकते हैं। जिसके लिये पितृपक्ष या अमावस्या जैसी तिथियों पर श्राद्धकर्म, तर्पण अचूक उपाय है। किंतु अगर इस कर्मों को करने में वक्त या धन की समस्या आए तो यहां बताया जा रहा है एक ऐसा सरल उपाय जो पितृदोष से मुक्ति ही न देगा, बल्कि घर-परिवार में सुख-समृद्धि भी लाएगा -
यह उपाय है पीपल या वट की पूजा। शास्त्रों में पितरों को भगवान विष्णु का रूप भी बताया गया है। भगवान विष्णु का ही एक स्वरूप पीपल भी है। इसलिए यहां बताए सरल उपाय से श्राद्धपक्ष में पीपल पूजा करें -
श्राद्धपक्ष में पीपल वृक्ष की गंध, अक्षत, तिल व फूल चढ़ाकर पूजा करें। दूध या दूध मिला जल चढ़ाकर पीपल के नीचे एक गोघृत यानी गाय के घी का दीप जलाएं। दूध से बनी खीर का भोग लगाएं।
दीप जलाकर पीपल के नीचे स्वच्छ स्थान पर कुश का आसन बिछाकर पितृरों को नीचे लिखे मंत्र से स्मरण करें। चंदन की माला से इस मंत्र की 1, 3 या 5 माला कर विष्णु आरती करें —–
ऊँ ऐं पितृदोष शमनं हीं ऊँ स्वधा
आरती कर पीपल पूजा का जल घर में लाकर छिड़कें व प्रसाद घर-परिवार के सदस्यों को खिलाए।
ॐ साईंराम ।।
डॉ संजय गील
श्री साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
9829747053
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