Monday, September 30, 2024

शारदीय नवरात्र 2024 (SHARDIYA NAVRAATRI 2024) - घटस्थापना पर इंद्र योग समेत बन रहे हैं अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

 शारदीय नवरात्र 2024

घटस्थापना पर इंद्र योग समेत बन रहे हैं अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष  महत्व है जो कि  प्रतिवर्ष  आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शुरू होकर और नवमी तिथि समाप्त होती है । इस अवधि में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके नौ शक्ति रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नवरात्र का व्रत रखकर कन्या पूजन और अन्य अनुष्ठान किया जाते है । धार्मिक मत है कि जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।हिन्दू पंचांग  के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि बुधवार 2 अक्टूबर, 2024 को रात्री 12:18 बजे से प्रारंभ हो रही है, जो गुरूवार 3 अक्टूबर की रात्री 2:58 बजे तक रहेगी  इस प्रकार उदय तिथि के आधार पर  शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 को  होगा, जबकि समापन 11 अक्टूबर, 2024 को होकर इसके अगले दिन शनिवार 12 अक्टूबर, 2024 को विजयदशमी मनाई जाएगी । इस  शारदीय नवरात्रि का शुभारम्भ  गुरूवार को होने से माता पालकी पर सवार होकर आएगी , जो की देवी पुराण के अनुसार अत्यंत शुभ है ।

कब करें घट  स्थापना 

शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन दोनों शुभ योग समय में घटस्थापना कर सकते हैं।

पूजन के शुभ मुहूर्त:-

ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:53 से  05:41 तक

अमृत काल: सुबह 08:45 से सुबह 10:33 तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:03 से दोपहर 12:51 तक

विजय मुहूर्त: अपरान्ह 02:26 से अपरान्ह 03:14 तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:25 से शाम 06:49 तक

घटस्थापना पर इंद्र योग समेत बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग

हिन्दू पंचांग के आधार पर  ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की इस बार  आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। साथ ही घटस्थापना तिथि पर सर्वार्थ  सिद्धी एवं दुर्लभ इंद्र योग सहित  अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं, ऐसे योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही नवरात्र की शुरुआत पर शिववास योग का संयोग होने से भगवान शिव कैलाश पर्वत पर मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे। इन योग में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।

शारदीय नवरात्रि प्रमुख तिथिया  

03 अक्टूबर 2024- मां शैलपुत्री की पूजा

04 अक्टूबर 2024- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

05 अक्टूबर 2024- मां चंद्रघंटा की पूजा

06 अक्टूबर 2024- मां कूष्मांडा की पूजा

07 अक्टूबर 2024- मां स्कंदमाता की पूजा

08 अक्टूबर 2024- मां कात्यायनी की पूजा

09 अक्टूबर 2024- मां कालरात्रि की पूजा

10 अक्टूबर 2024- मां सिद्धिदात्री की पूजा

11 अक्टूबर 2024- मां महागौरी की पूजा

12 अक्टूबर 2024- विजयदशमी (दशहरा)

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