Thursday, March 19, 2020

Korona Virus and Astrological Solution

*कुण्डलिनी जागरण और ग्रहों की साधना से आप बढ़ा सकते है कोरोना वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता।*
श्री गुरुदेवदत्त।
मित्रों जीवन मे पहला सुख निरोगी काया को ही माना गया है। वर्तमान में कोरोना वायरस से फैल रही महामारी ने सम्पूर्ण विश्व को असुरक्षित महसूस करा दिया। विश्व की दूसरी महाशक्ति चीन से प्रसारित कोरोना ने सभी की कलाई को खोल कर रख दिया।
ज्योतिषीय आधार पर देखा जाए तो चीन प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी से नववर्ष का आगाज़ करता है और हर वर्ष किसी एक जीव को अपना प्रतीक मानते हुए वर्षपर्यन्त उसको सम्पूर्ण राष्ट्र में अव्वल दर्जा देकर प्रचारित करता है। इस नए वर्ष में चीन का प्रतिनिधि चूहा है, मगर इसी चुए ने चीन की बढ़ती आर्थिक शक्ति को ही कुतर दिया है।
शायद यही कारण है कि भारत के प्राचीन मनीषियों, वेदों, आध्यात्मिक गुरुओं ने प्रकृति ,देव, ज्योतिष, जीवन दर्शन को सर्वोपरि मानते हुए हम सभी को प्रकृति के साथ खिलवाड़ न करने के लिए प्रेरित किया।
वर्तमान में भारतीय धरा पर भी कोरोना वायरस अपना कुप्रभाव दिखाने लगा है, जिसे हम अपने दैनिक दिनचर्या में महसूस भी कर रहे है। *भारत मे इसका प्रभाव और बढ़ेगा क्योंकि शनि स्वराशि है, वही 24 मार्च से इसी मकर राशि मे मंगल उच्च के होकर विराजित होंगें । मंगल रक्त के कारक होकर शनि के परम शत्रु है अतः इन्फेक्शन का होना लाजमी है। इन सब पर करेला वो भी नीम चढ़ा कहावत तब साबित होगी जब देवगुरु बृहस्पति वक्री होकर नीच प्रभाव देंगे।*
आज यहाँ बताया जा रहा है कि कैसे हम भारतीय आध्यात्मिक शक्ति, कुण्डलिनी और ग्रहों के उपाय कर शरीर की रोगों या वायरस से लड़ने की क्षमता को बढ़ा सकते है-
1- नारियल के तेल में कर्पूर मिलाकर पूजा घर मे दीपक करे और उसके समक्ष पद्मासन  धारण कर ॐ का कम से कम 21 बार और अधिकतम 108 बार जाप करें।
2- कुंडली का अवलोकन कर छठे आठवे और लग्नेश से सम्बंधित ग्रहों के कवच पाठ करें।
3-नहाते समय पानी मे गो मूत्र अर्क, काल सुरमा और गंगा जल का उपयोग करें।
4- नाभि ओर सरसो का तेल या केसर लगावें।
5-मांसाहार और मधपान बिल्कुल बंद कर दे।
6- सूर्य को नमस्कार करे अर्ध्य नही दे।
7- गौ मूत्र अर्क का सेवन करें।
*विशेष- जिन व्यक्तियों को ॐ साधना का अभ्यास नही है वे 21 से अधिक जाप नही करे, क्योकि इसमें चक्रों के असन्तुलित होने का अंदेशा ज्यादा हो जाता है, वे सीधे आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाकर ॐ का जाप करें।*
*ॐ साईंराम*
सादर।
सदैव आपका
*डॉ संजय गील*
*Sai Astrovision Society, Chittorgarh*
http://sanjaygeelastrology.com

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