चैत्र नवरात्रि-2024
दुर्लभ योग संयोग एवं ग्रह नक्षत्रों में होगी माँ दुर्गा की उपासना
सनातन धर्म में मां भगवती की उपासना के लिए नवरात्रि पर्व के नौ दिनों को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सनातन धर्म में माघ मास के शुक्ल पक्ष और आषाढ़ शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्रि के साथ मुख्यतया माँ के उपासको द्वारा वर्ष में दो नवरात्रि पर उपासना सहित अनेक अनुष्ठान किया जाते है ,जिसमे सबसे प्रथम अनुष्ठान चैत्र नवरात्रि से ही प्रारम्भ होता है ।हिंदू पंचांग के आधार पर चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होकर नवमी तिथि पर इस पर्व का समापन होता है। मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि के दौरान मां नव दुर्गा की उपासना करने से जीवन के समस्त संकटों का समाधान होकर जीवन में खुशहाली का संचार होता है । और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इन शुभ योगों में होगी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत
हिंदू पंचांग के आधार पर ज्योतिषाचार्य डॉ. संजय गील ने बताया की हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2081 और चैत्र नवरात्रि में कई शुभ योग निर्मित हो रहे है , जिसमे चैत्र नवरात्रि की शुरुआत अमृत सिद्धि योग के साथ होगी साथ ही इन नों दिवसों में पांच बार रवि योग , तीन बार सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेंगे । मान्यता है कि इन शुभ योगों में चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा की पूजा करने के भक्तों को पूजा पूर्ण फल प्राप्त होता है । इसी प्रकार ज्योतिषीय आधार पर गुरु आदित्य योग का निर्माण हो रहा है , जिसके अंतर्गत चैत्र नवरात्रि की पंचमी तिथि पर शनिवार, 13 अप्रैल को रात्रि में सूर्य ग्रह का मेष राशि में प्रवेश होगा मेष राशि में पहले से ही देव गुरु बृहस्पति उपस्थिति रहेंगे। ऐसे में मेष राशि में सूर्य और गुरु की युति बनेगी, जिसे ज्योतिष में गुरु आदित्य योग कहा जाता है. इस योग को धर्म-कर्म और आध्यात्म से जुड़े कार्यो के लिए शुभ माना गया है।
चैत्र नवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के आधार पर ज्योतिषाचार्य डॉ. संजय गील ने बताया की चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल रात्रि 11:50 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 09 अप्रैल रात्रि 08:30 पर होगा ।हिंदू धर्म में उदया तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैअतः चैत्र नवरात्रि पर्व का शुभारंभ 09 अप्रैल 2024, मंगलवार के दिन होगा । इस चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी, जिसे शास्त्रो के अनुसार उत्तम नहीं माना गया है, मान्यता है कि माँ दुर्गा के घोड़े की सवारी पर आने से सत्ता विरोध और परिवर्तन के योग भी बन सकते हैं अतः घट स्थापना सिद्ध मुहूर्त में ही करनी चाहिये। घटस्थापना मुहूर्त- 09 अप्रैल 2024 मंगलवार को सुबह 06:02 से सुबह 10:16 तक।
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - सुबह 11:57 से दोपहर 12:48 तक।
ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 04:31 से प्रात: 05:17 तक।
अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:57 से दोपहर 12:48 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से दोपहर 03:21 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:42 से शाम 07:05 तक।
अमृत काल : रात्रि 10:38 से रात्रि 12:04 तक।
निशिता मुहूर्त : रात्रि 12:00 से 12:45 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग : सुबह 07:32 से शाम 05:06 तक।
अमृत सिद्धि योग : सुबह 07:32 से शाम 05:06 तक।
चैत्र नवरात्रि 2024की प्रमुख तिथियां-
09 अप्रैल 2024, मंगलवार- मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
10 अप्रैल 2024, बुधवार- मां ब्रह्मचारिणी पूजा 11 अप्रैल 2024, गुरुवार- मां चंद्रघंटा पूजा
12 अप्रैल 2024, शुक्रवार- मां कुष्मांडा पूजा
13 अप्रैल 2024, शनिवार- मां स्कंदमाता पूजा
14 अप्रैल 2024, रविवार- मां कात्यायनी पूजा
15 अप्रैल 2024, सोमवार- मां कालरात्रि पूजा
16 अप्रैल 2024, मंगलवार- मां महागौरी पूजा और दुर्गा महाअष्टमी पूजा
17 अप्रैल 2024, बुधवार- मां सिद्धिदात्री पूजा, महानवमी और रामनवमी
18 अप्रैल 2024, गुरुवार- दुर्गा प्रतिमा विसर्जन
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Dr. Sanjay Geel
President
Sai Astrovision Society, Chittorgarh
7425999259,9829747053
www.sanjaygeelastrology.com
valuable information
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