सोमवती अमावस्या पर दान-पुण्य करने से मिलेगी पितरो की विशेष कृपा
माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को धार्मिक आधार पर अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और वर्ष अमावस्या तिथि सोमवार को होने से महत्व और भी कई गुना बढ़ गया है , क्योकि ये अमावस्या सोमवती अमावस्या होगी । धार्मिक मान्यता है कि इस दिन अगर सुहागन महिलाएं व्रत रखकर शिव और गौरी की पूजा करे तो अखंड सुहाग की प्राप्ति होती है साथ ही सोमवती अमावस्या पूरी तरह से पितरों की पूजा के लिए समर्पित है एवं इस दिन किसी भी नदी में पवित्र स्नान, पितृ तर्पण, पितृ पूजा, पिंड दान, और ब्राह्मणों को भोजन आदि कराने से पितरो की विशेष कृपा प्राप्त होती है ।
हिंदू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की इस वर्ष चैत्र अमावस्या 8 अप्रैल को है एवं सोमवार को होने से यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि सोमवती अमावस्या की तिथि पर पितरों का तर्पण करना बहुत शुभ होता है। इस दिन पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसलिए, श्रद्धालु सोमवती अमावस्या तिथि पर गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और भगवान नारायण और पितरों की पूजा करते हैं। साथ ही सोमवती अमावस्या की तिथि पर दुर्लभ इंद्र योग बन रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिलता है। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव, आदिशक्ति मां पार्वती संग रात 11.50 बजे तक साथ रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव की पूजा की जाए, तो हर मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि जब भगवान शिव माता पार्वती के साथ हों, तो रुद्राभिषेक करने से कई गुना फल प्राप्त होता है।
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