Friday, January 10, 2025

Makar Sankranti Remedies ( 19 साल बाद मकर संक्रांति पर दुर्लभ संयोग में बरसेगी सूर्य एवं शनि देव की कृपा )

 

19 साल बाद मकर संक्रांति पर दुर्लभ संयोग में  बरसेगी सूर्य एवं शनि देव की  कृपा 

हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है एवं इसे बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है । मकर संक्रांति का धार्मिक, सांस्कृतिक और खगोलीय महत्व है इस  दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे सूर्य का उत्तरायण भी कहा जाता है एवं इसके साथ ही  खरमास भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है । मुख्यतः. धार्मिक दृष्टि से, यह दिन भगवान सूर्य की पूजा का दिन है । इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान-पुण्य करते हैं और सूर्य देव की आराधना करते हैं । सांस्कृतिक रूप से, यह पर्व नई फसल के आगमन की खुशी का प्रतीक है । इस दिन तिल और गुड़ से बनी चीजें खाई जाती हैं और पतंगें उड़ाई जाती हैं. खगोलीय दृष्टि से, इस दिन सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है, जिससे दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी होने लगती हैं. । भारत वर्ष में मकर संक्रांति को संक्रांति, पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी आदि नाम से भी  जाना जाता है ।

मकर संक्रांति - शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचाग के आधार पर ज्योतिषाचार्य डॉ. संजय गील ने बताया की मकर संक्रांति इस बार मंगलवार,14 जनवरी 2025 को ही मनाई जाएगी । इस दिन सूर्य सुबह 8 बजकर 41 मिनट मकर राशि में प्रवेश करेंगे । हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति पुण्य काल का समय सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा और महापुण्य काल का समय सुबह 9 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा ।

ये बन रहे रहे विशेष ज्योतिषीय संयोग

हिन्दू पंचाग के आधार पर ज्योतिषाचार्य डॉ. संजय गील ने बताया की इस बार 19 वर्षो बाद मकर संक्रांति पर  विशेष संयोग निर्मित हो रहे है,जिसमे भौम पुष्प योग को अत्यंत शुभ माना जा रहा है । यह योग मंगल और पुष्य नक्षत्र के मिलन से बनता है । इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है साथ ही  इस बार माघ कृष्ण प्रतिपदा  में पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र के युग्म संयोग का निर्माण भी  हो रहा है ।

 मान्यता है की मकर संक्रांति पर बन रहे इन संयोगो में सूर्य के मकर राशि में आने पर शनि से संबंधित वस्तुओं के दान व सेवन से सूर्य के साथ शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है एवं  पिता व पुत्र की आपसी मतभेद को दूर करने तथा अच्छे संबंध स्थापित करने में इन योगो का विशेष महत्व है । इसी प्रकार पितृ दोष की समाप्ति भी इस योग में उपासना करने से संभव है  

ये करे विशेष उपाय -

  • मकर संक्रांति के दिन नदियों में स्नान और चावल, दाल, तील और खिचड़ी का दान करे ।  
  • सूर्य देव की उपासना कर घर पर पूर्व दिशा में ताम्बे का सूर्य स्थापित करे
  • ॐ ह्रीं सूर्याय नमः, ॐ घृणिः सूर्याय नमः, ॐ आदित्याय नमः, ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्, ऊँ खखोल्काय स्वाहा का जाप अथवा माघ माहात्म्य का पाठ करें ।
  • गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें ।
  • जरूरतमंद लोगों को ऊनी वस्त्र या कंबल का दान जरूर करें ।