Tuesday, October 22, 2024

दिवाली से पहले 752 वर्षो बाद बन रहे गुरु पुष्य नक्षत्र सहित 6 अद्भुत संयोग

 दिवाली से पहले 752 वर्षो बाद बन रहे  गुरु पुष्य नक्षत्र सहित 6  अद्भुत संयोग

गुरुवार 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र सहित अद्भुत संयोगो का निर्माण हो रहा है । ज्योतिषीय गणना  के अनुसार गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ने के कारण इसे गुरु पुष्य नक्षत्र योग के नाम से जाना जाता है। तैत्रीय ब्राह्मण में कहा गया है कि, 'बृहस्पतिं प्रथमं जायमानः तिष्यं नक्षत्रं अभिसं बभूव। पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। जब गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग बने तो इसे गुरु पुष्य नक्षत्र योग के नाम से जाना जाता है, वहीं रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ने के कारण इसे रवि पुष्य योग कहा जाता है। मुहूर्त ज्योतिष के यह श्रेष्ठतम मुहूर्तों में से एक है। हिन्दू पंचाग  के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया इस बार दिवाली से पहले 752 वर्षो बाद  गुरु पुष्य योग के साथ इस दिन महालक्ष्मी, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, पारिजात, बुधादित्य और पर्वत योग का निर्माण हो रहा है । दिवाली से पूर्व गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ इन शुभ योगो  में  खरीदारी, नवीन कार्य और निवेश के लिए अति उत्तम माना गया  है ।  

कब से कब तक है गुरु पुष्य योग

हिन्दू पंचाग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की पुष्य नक्षत्र का गुरु पुष्य नक्षत्र का आरंभ गुरुवार 24 अक्टूबर 2024 को सुबह 11:38 बजे से होगा और इसका समापन शुक्रवार 25 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:11 बजे तक होगा. 

खरीदारी शुभ मुहूर्त-

सोना और वाहन खरीदने का मुहूर्त: सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 तक ।

लाभ का चौघड़िया: दोपहर 12:15 से दोपहर 01:40 तक । 

अमृत का चौघड़िया: दोपहर 01:40 से दोपहर 03:05  तक ।

शुभ का चौघड़िया: अपराह्न 04:30  से शाम 05:55 तक।

गुरु पुष्य योग में ये करे विशेष कार्य

गुरु पुष्य योग की अवधि के दौरान सोना, आभूषण, घर, अचल संपत्ति और निवेश खरीदना शुभ माना जाता है। 

इस योग में आप कोई नया व्यवसाय या नौकरी शुरू कर सकते हैं। माना जाता है कि इससे इन कार्यों में सफलता मिल सकती है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

गुरु पुष्य योग में देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी को खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है और भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते, पंचामृत, गुड़ आदि अर्पित किया जाता है। कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। लक्ष्मी नारायण की कृपा से आपके धन में वृद्धि होगी।

गुरु पुष्य योग में हल्दी भी खरीद सकते हैं। भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति के लिए महत्वपूर्ण है। इससे आपका भाग्य मजबूत होता है। 

गुरु पुष्य योग में आपको चांदी का लक्ष्मी यंत्र या चांदी की कोई चौकोर वस्तु खरीदनी चाहिए। उसकी पूजा करनी चाहिए। इससे आपकी आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी और घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

इस बार रात्रि में गुरु पुष्य योग बन रहा है। ऐसे में आप सबसे पहले उस उत्पाद का चयन कर सकते हैं जिसे आप खरीदना चाहते हैं और गुरु पुष्य योग के दौरान उसका भुगतान कर सकते हैं। इससे गुरु पुष्य योग में आपकी खरीदारी होगी और आप उसका लाभ उठा सकेंगे।

Dr. Sanjay Geel

Astrologer

Sai Astrovision Society, Chittorgarh

9829747053,7425999259

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