हिंदू नव वर्ष 2081 में मंगल राजा तो शनि होंगे मंत्री
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 9 अप्रैल2024 ,मंगलवार को है एवं सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में शुरू हो रहे नव विक्रम संवत्सर-2081 का नाम 'पिंगल' है। इस वर्ष ग्रह मंडल का राजा 'मंगल' और मंत्री 'शनि' होंगे। ज्योतिषीय आधार पर इस योग से अनेक क्षेत्रों में परेशानियां बढ़ेंगी तो रियल एस्टेट, सिनेमा, रंगमंच, शिक्षा व्यवस्था, नारी शक्ति, और अर्थव्यवस्था और तकनीकी क्षेत्र में सुधार भी देखने को मिलेगा।
सत्ता और शक्ति के सिद्धांत पर आधारित रहेगा ये नववर्ष
ज्योतिषीय आधार पर नव संवत्सर 2081 में ग्रह मंडल का राजा 'मंगल' और मंत्री 'शनि' है,जिसमे सस्येश मंगल, धान्येश चंद्र, रसेश गुरु, नीरसेश मंगल, मेघेष शनि, फलेश शुक्र, धनेश मंगल और दुर्गेश शनि होंगे।और इनमें सात स्थानों पर क्रूर ग्रहों का अधिकार होगा और बाकी तीन स्थान सौम्य ग्रह को मिले हैं। राजा सहित कुल चार विभाग अकेले मंगल के अधीन हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल और शनि दोनों बहुत प्रचंड हैं। साथ ही मंगल के कारण जिसमे ताकत उसकी सत्ता वाली स्थिति बनेगी। वहीं, शनि के कारण व्यक्तियों को कर्म के आधार पर फल भुगतने होंगे।
ज्योतिषीय मान्यता के आधार पर नवसंवत्सर के प्रवेश की लग्न राशि 'धनु' होने से गुरु पंचम त्रिकोण में मित्र राशि में है। इससे सत्ता में बैठे व्यक्ति की बुद्धिमत्ता से परिस्थितियों का समाधान निकलेगा। इसके साथ भारत की सैन्य ताकत बढ़ेगी। वहीं, राजनीतिक उथल-पुथल रहेगी। तूफान, भूकंप, प्राकृतिक आपदा से जन-धन की हानि की आशंका है। इसके साथ पृथ्वी का तापमान बढ़ेगा। झुलसा देने वाली गर्म हवाओं से पशु-पक्षी, फल-फूल, वनस्पतियों को नुकसान होगा।
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