राम नवमी पर दुर्लभ संयोग में बरसेगी मां दुर्गा एवं प्रभु श्रीराम की विशेष कृपा
आज
भारतवर्ष में राम जन्मोत्सव एवं महानवमी पर्व मनाया जा रहा है । वाल्मीकि रामायण के
अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, अभिजीत मुहूर्त और कर्क लग्न में भगवान राम का जन्म हुआ था
एवं राम नवमी चैत्र नवरात्रि का अंतिम
दिवस भी है । साथ ही इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां
सिद्धिदात्री का पूजा करने का विधान भी है। मान्यता है कि महानवमी तिथि के साथ मां
दुर्गा की विधिवत पूजा करने के साथ कन्या पूजन करता है, तो उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं और सुख-समृद्धि, धन-संपदा की प्राप्ति होती है। मां सिद्धिदात्री की पूजा
करने से महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व
और वशित्व की प्राप्ति होती है ।
ये बन रहे दुर्लभ संयोग
ज्योतिषीय आधार पर इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के अंतिम
दिवस पर अनेक शुभ योगो का निर्माण हो रहा है । हिंदू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया की राम
नवमी के दिन आश्लेषा नक्षत्र, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। राम नवमी पर
सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 16 मिनट
से लेकर 06 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।
वहीं पूरे दिन रवि योग का संयोग बनेगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में रवि योग और
सर्वार्थ सिद्धि योग को बहुत ही शुभ योग माना गया है। इन योगों में पूजा और शुभ
कार्य करने पर सभी तरह के फलों की प्राप्ति होती है। रवि योग में सूर्य का प्रभाव
रहने के कारण व्यक्ति को कई तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
साथ ही इस बार राम नवमी पर चंद्रमा कर्क राशि में
मौजूद रहेगा।भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु राम का जन्म कर्क लग्न में ही हुआ
था। इसी
प्रकार राम नवमी पर गजकेसरी योग का भी प्रभाव रहेगा। भगवान राम के जन्म के समय
भी उनकी कुंडली में गजकेसरी योग का शुभ संयोग था, वही राम नवमी पर सूर्य अपनी उच्च
राशि मेष में विराजमान होकर दशम भाव में होंगे।
इस शुभ मुहूर्त में करें पूजन
मान्यता है कि भगवान
श्रीराम का जन्म मध्याहन काल में चैत्र रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजकर 21 मिनट
पर हुआ था इस प्रकार प्रातः 11 बजकर 03 मिनट
से लेकर दोपहर 1 बजकर 36 मिनट तक मर्यादा पुरूषोतम
भगवान श्रीराम की पूजा का अत्यंत शुभ मुहूर्त है।
नवमी तिथि प्रारम्भ- 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01 बजकर
23
मिनट तक।
नवमी तिथि समाप्त- 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03 बजकर
14
मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर
34
मिनट से 03 बजकर
24
मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर
47
मिनट से 07 बजकर
09
मिनट तक।
सर्वार्थ
सिद्धि योग- सुबह 5 बजकर
16 मिनट से 6 बजकर 8 मिनट तक
मां सिद्धिदात्री मंत्र
सिद्ध
गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण
संस्थिता। नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
ये करे विशेष उपाय :-
·
धन की कमी दूर करने के लिए राम
नवमी की शाम को एक लाल कपड़ा लें और उस लाल कपड़े में 11 गोमती चक्र, 11 कौड़ी, 11 लौंग और 11 बताशे बांधकर महालक्ष्मी और भगवान
राम को चढ़ाएं. इसके सात ही एक कटोरी में जल लेकर रामरक्षा मंत्र का 108 बार जाप करें और इस मन्त्रित जल को घर के हर कोने में छिड़क दें.
·
जीवन में सुख शांति बनाए रखने
के लिए राम दरबार के सामने जाकर घी या तेल का दीपक जलाएं और 'श्रीराम जय राम जय जयराम' का 108 बार जाप करें.
·
संतान प्राप्ति के लिए राम
नवमी के दौरान नारियल लें और लाल कपड़े में लपेटकर मां सीता को अर्पित करें और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जाप करे
·
विवाह में आ रही बाधाओं को दूर
करने के लिए राम नवमी को शाम के समय भगवान राम और माता सीता को हल्दी, कुमकुम और चंदन अर्पित करें और 'ॐ जय सीता राम'
का 108 बार जाप करें.
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