Tuesday, March 31, 2015

महिला समाज और रोजगार

महिलाएं कैसे बनाए कैरियर?
श्री गुरुदेवदत्त ।।
महिलाओं के लिए अब हर क्षेत्र में अवसर है। परंतु किस क्षेत्र में उन्हें सफलता मिलेगी। यह ज्योतिष शास्त्र की मदद से जान सकते हैं। जन्मकुंडली, नवांश, त्रिशांश के सहयोग से उन्हें किस दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए ताकि पूर्णत: लाभ हो कैरियर के लिए सप्तम, पंचम, दशम एवं एकादश भाव माने जाते हैं। इन स्थानों पर सूर्य, बुध, शुक्र, गुरु, शनि अच्छे कैरियर की राह दिखाते हैं।सूर्य: प्रशासनिक, बुध: शिक्षा, अभिभाषक, लेखक, शुक्र: ग्लैमर, कार्पोरेट, गुरु: व्यवसाय, शनि: डॉक्टर, इंजीनियर, सीए आदि क्षेत्र में व्यापक सफलता दिलाता है। शनि कम्प्यूटर इंजीनियर एवं सिनेमा क्षेत्र में भी लाभदायक होता है। राहु यदि एकादश भाव में स्थित हो तो बार-बार नौकरी या व्यवसाय में परिवर्तन होता है तथा कहीं भी एक जगह रुककर कार्य नहीं कर पाते। अच्छे कैरियर के लिए यदि आप पूर्णत: योग्य है फिर भी आप को अपनी इच्छानुसार कार्य नहीं मिल रहा है तो विधिनुसार

श्रीरामरक्षास्तोत्र का पाठ करें या कराएं।

श्री महाकाली का पूजन करें।

कम से कम 5 गरीबों को भोजन कराएं।

शनिवार को काले कुत्ते को दूध पिलाएं।

अधिकतम सफेद वस्त्र पहनें।

लाल रंग सम्मिलित सेंडिल या जूते पहनें।

- आभूषणों में लाल रंग प्रयोग करें। जैसे नेकलेस में लाल नग।

- सीधे हाथ की तरफ सूंड वाले सिद्धि विनायक श्री गणेशजी का दर्शन कर घर से निकले ।
ॐ साईंराम ।।
आपका
डॉ संजय गील
साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
09829747053

Monday, March 30, 2015

रुद्राक्ष की असली पहचान

रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें
श्री गुरुदेवदत्त ।।
आमतौरपर आपने देखा होगा की मार्किट में रुद्राक्ष हर दुकान ,चुराहे व कई  कम्पनिया इसे बेच रही है, परन्तुइसकी पहचान करना बहुत ही कठिन है। एक मुखी व एकाधिक मुखीरुद्राक्ष महंगे होने के कारण नकली भी बाजार में बिक रहेहै। नकली मनुष्य असली के रूप में इन्हे खरीद तो लेता है परन्तु उसका फल नही मिलता ।

आपने देखा होगा कि कई रूद्राक्षोंपर गणेश, सर्प, वशिवलिंग की आकृति बना कर भी लाभ कमाया जाता है। ऐसी और भी बातों केकारण रूद्राक्ष मंहगे भाव में बेच दिय जाते हैं पर देखाजाये तो जो आदमी अध्यात्मिक विश्वास में रुद्राक्ष खरीदता है अगर उसे ऐसारुद्राक्ष मिल जाये तो उसे कोई लाभ नही बल्कि उसके अध्यात्मिक मन के साथधोखा होता है। आप ने कभी भी कोई रुद्राक्ष लेना तो विश्वसनीय स्थान से हीखरीदे।
यहाँ प्रस्तुत है रुद्राक्ष की पहचान के तरीके ताकिआप भी अपने ढंग से जान सकते है असली और नकली रुद्राक्ष कैसेहोते है।  
अकसरयह माना जाता है की पानी में डूबने वाला रुद्राक्ष असली और तैरने वालानकली होता है। यह सत्य नही है रुद्राक्ष का डूबना व तैरना उसके कच्चे पन वतेलियता की मात्रा पर निर्भर होता है पके होने पर व पानी में डूब जायेगा। दुसराकारण तांबे के दो सिक्को के बीच रुद्राक्ष को रख कर दबाने पर यो घूमताहै यह भी सत्य नही।

कोई दबाव अधिक लगायेगा तो वो किसी न किसी दिशा मेंअसली घूमेगा ही इस तरह की और धारणाये है जो की रुद्राक्ष के असली होने काप्रणाम नही देती। असली के लिए रुद्राक्ष को सुई से कुदेरने पर रेशा निकले तोअसली और कोई और रसायन निकले तो नकली असली रुद्राक्ष देखे तो उनके पठार एक दुसरे से मेल नही खाते होगे पर नकली रुद्राक्ष देखो या उनके ऊपरी पठार एक जैसे नजर आयेगा जैसे गोरी शंकर व गोरी पाठ रुद्राक्ष कुदरती रूप से जुड़े होते है परन्तु नकली रुद्राक्ष को काट कर इन्हे जोड़ना कुशल कारीगरों की कला है परन्तु यह कला किसी को फायदा नही दे सकती। ऐसे ही एक मुखी गोल दाना रुद्राक्ष काफी महंगा व अप्राप्त है पर कारीगर इसे भी बना कर लाभ ले रहे है। परन्तु पहनने वाले को इसका दोष लगता है।

नकलीरुद्राक्ष की धारिया सीधी होगी पर असली रुद्राक्ष की धारिया आढी टेडी होगी।कभी कबार बेर की गुठली पर रंग चढ़ाकर कारीगर द्वारा उसे रुद्राक्ष काआकार दे कर भी मार्किट में बेचा जाता है। इसकी परख के लिए इसे काफी पानी मेंउबालने से पता चल जाता है। परन्तु असल में कुछ नही होता वो पानी ठण्डा होनेपर वैसा ही निकलेगा। कोई भी दो जोड़े हुए रुद्राक्षों को आप अलग करेंगेतो बीच में से वो सपाट निकलेगें परन्तु असली आढा टेढा होकर टुटेगा। नोमुखी से लेकर 21 मुखी व एक मुखी गोल दाना गोरी शंकर गोरीपाठ आदि यह मंहगे रुद्राक्ष है।

रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा| इसके आलावा आप रुद्राक्ष को पानी में डाल दें अगर वह डूब जाता है तो असली नहीं नहीं नकली| लेकिन यह जांच अच्छी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है|
ॐ साईंराम ।।
आपका
डॉ संजय गील
श्री साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
09829747053

धन प्राप्ति के आसान उपाय

ये है धन प्राप्ति के आसान उपाय
श्री गुरुदेवदत्त ।।

हर व्यक्ति मेहनत करता है ताकि वह धन प्राप्त कर सके और अपने जीवन को सुख सुविधाओं से पूर्ण बना सके। अगर आपके जीवन में भी पैसे से जुड़ी कोई समस्या है तो आप नीचे लिखे उपायों को अपनाकर धन से जुड़ी सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।

एक नए चमकीले पीले कपड़े में नागकेसर, हल्दी, पूजा की सुपारी , एक सिक्का, तांबे का टुकड़ा और चावल रखकर पोटली बना लें। इस पोटली को श्री महालक्ष्मी के सम्मुख रखकर धुप- दीप से पूजन कर लें। फिर इसे तिजोरी में रख दें तो तिजोरी कभी भी धन से रिक्त नहीं रहेगी।

तिजोरी के पास लक्ष्मी गणेश की तस्वीर लगाएं।

तिजोरी में एकाक्षी नारियल रखें।

ग्यारह कौडिय़ों को शुद्ध केसर से रंगकर पीले वस्त्र में बांधकर धन स्थान पर रखें।

धन प्राप्ति के लिए किसी देवी स्वरूप की उपासना करें और प्रतिदिन पूजा के समय उस देवी प्रतिमा पर लोंग चढ़ाए।
ॐ साईंराम ।
विशेष-अपने क्षेत्र में निःशुल्क ज्योतिष कैंप हेतु संपर्क करे ।
आपका
डॉ संजय गील
श्री साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
09829747053
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Friday, March 27, 2015

अपनाये ये छोटे छोटे उपाय

ये छोटे-छोटे उपाय जो बना सकते है आपको खुशहाल

श्री गुरुदेवदत्त ।।
सभी को प्रातःकालीन प्रणाम ज्योतिषीय उपायो की कड़ी में आज प्रस्तुत है जीवन के हर मोड़ पर काम आने वाले उपाय ।

रोग की अवस्था में घर की सभी घडियों को चालू हालत में रखें। 
 
पांवों का कैसा भी रोग हो सोलह दांत वाली पीली कौडी में सूराख करके बांध लें।
 
नींद न आने पर श्वेत घुंघची की जड को तकिए के नीचे रखकर सोएं।
 
चक्कर आने की अवस्था में किसी भी रविवार या मंगलवार को गुलाबजल में 2 माशा गोरोचन पीसकर सेवन कर लें।
 
सुलेमानी रत्न को चांदी की अंगूठी में पहनने से स्मरणशक्ति का विकास होता है।

शनिवार  के दिन एक रुपये  का सिक्का या सरसों  का तेल किसी  कोढ़ी को दान करे
महाकाली का पूजन शुद्ध  घी के दीपक से करे.
काम में जाने से पहले  पूजा घर में  रखे  जल कलश को  प्रणाम  करके जाए
हर बुधवार एक कटोरी चावल  दान कर गणेशजी  पर एक  सुपारी एक  वर्ष  तक चढ़ाये

सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर उत्तर दिशा में मुंह रख कर बैठें। सामने बाजोट(पटिया) रखें व उस पर पीला कपड़ा बिछाएं। अब बाजोट पर गेहूं की ढेरी बनाएं और उस पर 7 गोमती चक्र स्थापित करें। अब उस पर कुंकुम का तिलक करें और हर चक्र पर एक-एक सिक्का अर्पित करें। अब फूल चढ़ाकर धूप-दीप करें और फल अर्पित करें। अब नीचे लिखे मंत्र की 7 माला जप करें।
मंत्र- ऊँ ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
हर माला जप की समाप्ति पर हर चक्र पर एक फूल अर्पित करें। दूसरे दिन यह सभी सामग्री ले जाकर किसी सुनसान स्थान पर रख आएं। आपके जीवन से धन संबंधी समस्याओं का निराकरण हो जाएगा।
 
लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए हर एकादशी को घर के पूजा स्थल पर ग्यारह दीपक जलाए ।
ॐ साईंराम।।
सदैव आपका
श्री साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
09829747053
विशेष-आपके  शहर में निःशुल्क ज्योतिष शिविर हेतु संपर्क करें।

Thursday, March 26, 2015

Remedies for pitra Dosh

पित्र दोष निवारण के कुछ खास उपाय

1. याद रखे घर के सभी बड़े बुजर्ग को हमेशा प्रेम, सम्मान, और पूर्ण अधिकार दिया जाय , घर के महत्वपूर्ण मसलों पर उनसे सलाह मशविरा करते हुए उनकी राय का भी पूर्ण आदर किया जाय ,प्रतिदिन उनका अभिवादन करते हुए उनका आशीर्वाद लेने, उन्हे पूर्ण रूप से प्रसन्न एवं संतुष्ट रखने से भी निश्चित रूप से पित्र दोष में लाभ मिलता है ।

2.अपने ज्ञात अज्ञात पूर्वजो के प्रति ईश्वर उपासना के बाद उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रखने उनसे अपनी जाने अनजाने में की गयी भूलों की क्षमा माँगने से भी पित्र प्रसन्न होते है ।

3. सोमवती अमावस्या को दूध की खीर बना, पितरों को अर्पित करने से भी इस दोष में कमी होती है ।

4. सोमवती अमावस्या के दिन यदि कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ पर मीठा जल मिष्ठान एवं जनेऊ अर्पित करते हुये “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाएं नमः” मंत्र का जाप करते हुए कम से कम सात या 108 परिक्रमा करे तत्पश्चात् अपने अपराधों एवं त्रुटियों के लिये क्षमा मांगे तो पितृ दोष से उत्पन्न समस्त समस्याओं का निवारण हो जाता है।

5.प्रत्येक अमावस्या को गाय को पांच फल भी खिलाने चाहिए।

6. अमावस्या को बबूल के पेड़ पर संध्या के समय भोजन रखने से भी पित्तर प्रसन्न होते है।

7. प्रत्येक अमावस्या को एक ब्राह्मण को भोजन कराने व दक्षिणा वस्त्र भेंट करने से पितृ दोष कम होता है ।

8. पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन शिव लिंग पर जल चढ़ाकर महामृत्यूंजय का जाप करना चाहिए ।

9. माँ काली की नियमित उपासना से भी पितृ दोष में लाभ मिलता है।

10. आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हो घर में भोजन बनने पर सर्वप्रथम पित्तरों के नाम की खाने की थाली निकालकर गाय को खिलाने से उस घर पर पित्तरों का सदैव आशीर्वाद रहता है घर के मुखियां को भी चाहिए कि वह भी अपनी थाली से पहला ग्रास पित्तरों को नमन करते हुये कौओं के लिये अलग निकालकर उसे खिला दे

REMEDIES FOR BORN CHILD

उत्तम मनचाही संतान प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय

1. यदि किसी दम्पति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष में अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र को अपने घर में स्थापित करके लगातार 16 गुरुवार को ब्रत रखकर केले और पीपल के वृक्ष की सेवा करें उनमे दूध चीनी मिश्रित जल चड़ाकर धुप अगरबत्ती जलाये फिर मासिक धर्म से ठीक तेहरवीं रात्रि में अपने पति से रमण करें संतान सुख अति शीघ्र प्राप्त होगा ।

2. पति पत्नी गुरुवार का ब्रत रखें या इस दिन पीले वस्त्र पहने , पीली वस्तुओं का दान करें यथासंभव पीला भोजन ही करें .....अति शीघ्र योग्य संतान की प्राप्ति होगी ।

3. संतान सुख के लिए स्त्री गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं ...शीघ्र ही उसकी गोद भर जाएगी ।

4. शुक्ल पक्ष में बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुंकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर थोड़े से चावल और एक सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें और प्रभु से संतान का वरदान देने के लिए प्रार्थना करें ...निश्चय ही संतान की प्राप्ति होगी ।

5. किसी भी गुरुवार को पीले धागे में पीली कौड़ी को कमर में बांधने से संतान प्राप्ति का प्रबल योग बनता है।

6. संतान प्राप्ति के लिए स्त्री पारद शिवलिंग का नियम से दूध से अभिषेक करें ...उत्तम संतान की प्राप्ति होगी ।

7. हर गुरुवार को भिखारियों को गुड का दान देने से भी संतान सुख प्राप्त होता है ।

8. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ को लाकर उसे दूध में घिसकर पिलाने से स्त्री को अवश्य ही संतान की प्राप्ति होती है यह अत्यंत ही सिद्ध / परीक्षित प्रयोग है ।

9. रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिन निसंतान स्त्री यदि पीपल पर दीपक जलाये और उसकी परिक्रमा करते हुए संतान की प्रार्थना करें उसकी इच्छा अति शीघ्र पूरी होगी ।

10. श्वेत लक्ष्मणा बूटी की 21 गोली बनाकर उसे नियमपूर्वक गाय के दूध के साथ लेने से संतान सुख की अवश्य ही प्राप्ति होती है

शीघ् विवाह के सरल उपाय

शीघ्र विवाह के सरल एवं आसान उपाय
श्री गुरुदेवदत्त ।।

जन्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से कोई भी पुरुष या स्त्री विवाह की खुशी से वंचित रह सकते है।कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं की वजह से भी आती हैं. उम्र लगातार बढती जाती है और लाख प्रयास के बाद भी रिश्ते बन नहीं पाते हैं या मनचाहे रिश्तों का तो जैसे आकाल ही पड़ जाता है इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने में समझदारी रहती है. इन उपाय को करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है, तथा विवाह मार्ग की समस्त बाधाएं दूर होती है| यहाँ पर हम कुछ बहुत ही आसान किन्तु अचूक उपाय बता रहे है जिनको सच्चे मन से करने से वर एवं कन्या दोनों को ही निश्चित रूप से मनवांछित लाभ प्राप्त होगा।

शीघ्र विवाह के लिए सोमवार को १२०० ग्राम चने की दाल व सवा लीटर कच्चे दूध का दान करें| यह प्रयोग तब तक करते रहना है जब तक कि विवाह न हो जाय|

कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहाँ पर दुल्हन को मेहँदी लग रही हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस दुल्हन के हाथ से लगवा ले इससे विवाह का मार्ग शीघ्र प्रशस्त होता है|

विवाह वार्ता के लिए घर आए अतिथियों को इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो, उन्हें द्वार दिखाई न दे।

विवाह योग्य युवक-युवती जिस पलंग पर सोते हों उसके नीचे लोहे की वस्तुएं या कबाड़ का सामान कभी भी नहीं रखना चाहिए।

यदि विवाह के पूर्व लड़का-लड़की मिलना चाहें तो वह इस प्रकार बैठे कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो।

कन्या सफेद खरगोश को पाले तथा अपने हाथ से उसे भोजन के रूप में कुछ दे|

कन्या के विवाह की चर्चा करने उसके घर के लोग जब भी किसी के यहाँ जायें तो कन्या खुले बालों से,लाल वस्त्र धारण कर हँसते हुए उन्हें कोई मिष्ठान खिला कर विदा करे| विवाह की चर्चा सफल होगी|
पूर्णिमा को वट वृक्ष की १०८ परिक्रमा देने से भी विवाह बाधा दूर होती है|

गुरूवार को वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है|

मन्त्र
गौरी आवे ,शिव जो ब्यावे.अमुक का विवाह तुरंत सिद्ध करेँ,
देर ना करेँ, जो देर होए , तो शिव को त्रिशूल पड़े,
गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै ।।

अमुक के स्थान पर जिस लड़की का विवाह न हो रहा हो उसका नाम लिख सकते है ।
ॐ साईंराम ।।
सदैव आपका
डॉ संजय गील
श्री साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
09829747053

Wednesday, March 25, 2015

क्या आप चाहते है जीवन में प्यार की बयार

क्या आप चाहते है प्रेम विवाह में सफलता
श्री गुरुदेवदत्त ।।
हजार बाते कहे जमाना मेरी वफ़ा पे यक़ीन रखना ।
मित्रो एक वो जमाना रहा जब हम प्यार की खातिर ताउम्र त्याग कर लिया करते थे वही आज हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए है, जिन्दा है मगर जीने की अदा भूल गए है।
तदापि वे जो आज भी ईमान की राह पे चलना चाहते है। उनके प्यार को पाने और विवाह के बाद सुखमय दाम्पत्य जीवन हेतु कुछ उपाय यहाँ प्रस्तुत है।
ईश्वर से सच्चे मन से अपने प्रेम के लिए प्रार्थना करनी चाहिए ।

भगवान विष्णु और लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो के सम्मुख शुक्ल पक्ष में गुरुवार से
ऊँ लक्ष्मी नारायणाय नमः।मन्त्र की 3 माला प्रतिदिन स्फटिक की माला से जप करें और 3 महीनों तक हर गुरुवार को मंदिर में प्रसाद चढ़ायें।
कृष्ण मंदिर में बांसुरी और पान अर्पण से प्रेम की प्राप्ति होती है ।

यदि आप किसी को अपना बनाना चाहते हैं तो माँ दुर्गा की की पूजा करे माता को लाल रंग की ध्वजा चढ़ाएं व प्रेम में सफलता की मनोकामना मांगें।

शहद से रुद्राभिषेक करने से मनचाहा प्रेम मिलता है ।

प्रेम-विवाह में सफलता के लिए शुक्ल पक्ष में प्राण प्रतिष्ठत असली नेपाली गौरी-शंकर रुद्राक्ष, वाइट गोल्ड में धारण करें |

ओपल या हीरा रत्न धारण कर से प्रेम-संबंधों को विवाह तक पहुंचाने में सहायता मिलती है।

यदि प्रेमी/प्रेमिका में से कोई एक मांगलिक हैं और प्रेम-विवाह में बाधा आ रही है तो तो विवाह की लिए पुन: विचार करें नहीं तो मंगल दोष का तत्काल निवारण अवश्य ही कर लें, अन्यथा जीवन भर पछताना पड़ सकता है।

सप्तमेश या सप्तम भाव में विराजमान ग्रह की शांति अवश्य करा लें।

एक-दूसरे को नुकीली या काले रंग की कोई वस्तु कभी भी न दें | इससे संबंध खराब होने की संभावना होती है।

गिफ्ट में कभी भी काले रंग की कोई वस्तु एक-दूसरे को न दें। इससे आपस में दूरियां हो सकती है।

अपने प्रियतम/प्रेयसी को सप्तम और पंचम भाव के स्वामी की वस्तु भेंट करना बहुत ही शुभ होता है ।

लाल,गुलाबी,पीले और सुनहरे पीले रंग की वस्तुओं को उपहार में देना अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है।

कन्या अधिकतर अपने हाथों में हरी चूडिय़ां तथा प्रत्येक गुरुवार को पीले और शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें।

लड़के को प्रेम में सफलता के लिए पन्ना (एमरल्ड) की अंगूठी धारण करना चाहिए इससे प्रेयसी के मन में प्रबल आकर्षण बना रहता है ।

प्रेमी युगल को शनिवार और अमावस्या के दिन नहीं मिलना चाहिए। इन दिनों में मिलने से आपस में किसी भी बात पर विवाद हो सकता है ...एक दूसरे की कोई भी बात बुरी लग सकती है तथा प्रेम संबंधो में सफलता मिलने में संदेह हो सकता है।

प्रेमी युगल को यह प्रयास करना चाहिए कि शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलें। जिस शुक्रवार को पूर्णिमा हो वह दिन अत्यंत शुभ रहता है इस दिन मिलने से परस्पर प्रेम व आकर्षण बढ़ता है।
ॐ साईंराम ।।
आपका
डॉ संजय गील
श्री साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
09829747053

Tuesday, March 24, 2015

आवला और ग्रहो की अनुकूलता

आंवले का प्रयोग और बुध और शुक्र की अनुकूलता
श्री गुरुदेवदत्त ।।
यहाँ बताया जा रहा है विष्णु और माँ लक्ष्मी के प्रिय फल आंवले द्वारा ग्रहो को अनुकूल करने का सरल उपाय।

आंवले का ज्योतिष में बुध ग्रह की पीड़ा शान्ति कराने के लिये एक स्नान कराया जाता है। जिस व्यक्ति का बुध ग्रह पीडि़त हो उसे शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को स्नान जल में- आंवला, शहद, गोरोचन, स्वर्ण, हरड़, बहेड़ा, गोमय एंव अक्षत डालकर निरन्तर 15 बुधवार तक स्नान करना चाहिए जिससे उस जातक का बुध ग्रह शुभ फल देने लगता है। इन सभी चीजों को एक कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। उपरोक्त सामग्री की मात्रा दो-दो चम्मच पर्याप्त है। पोटली को स्नान करने वाले जल में 10 मिनट के लिये रखें। एक पोटली 7 दिनों तक प्रयोग कर सकते है।

जिन जातकों का शुक्र ग्रह पीडि़त होकर उन्हे अशुभ फल दे रहा है। वे लोग शुक्र के अशुभ फल से बचाव हेतु शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को हरड़, इलायची, बहेड़ा, आंवला, केसर, मेनसिल और एक सफेद फूल युक्त जल से स्नान करें तो लाभ मिलेगा। इन सभी पदार्थों को एक कपड़े में बाधकर पोटली बना लें। उपरोक्त सामग्री की मात्रा दो-दो चम्मच पर्याप्त रहेगी। पोटली को स्नान के जल में दस मिनट के लिये रखें। एक पोटली को एक सप्ताह तक प्रयोग में ला सकते है।
विशेष- ये प्रयोग अगर नवरात्र और कार्तिक माह से प्रारम्भ करे तो सफलता शत प्रतिशत निश्चित है।
आपका
संजय गील
साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र 09829747053

आओ पाये यश कीर्ति और सम्मान

सफलता , यश, कीर्ति हेतु कुछ खास उपाय
श्री गुरुदेवदत्त ।।
कैसे कैसे हादसे सहते रहे फिर भी हम जीते रहे हँसते रहे,वक़्त तो गुजरा मगर कुछ इस तरह हम तुफानो में चरागों की तरह जलते रहे।
जी हा दोस्तों जीवन में हम में ऐसे कई इंसान है जो ताउम्र मेहनत के बाद भी यश कीर्ति नहीं प्राप्त कर पाते वही कुछ व्यक्ति थोड़ी सी मेहनत में ये सब प्राप्त कर लेते है मानो मंदिर का दिया।
आज यहाँ प्रस्तुत है वे उपाय जो आपको भी जीवन रूपी तूफ़ान में एक पहचान दिला सकते है ।

जीवन में मनवांछित सफलता प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से अपने माता - पिता और बड़े बुजर्गो का आशीर्वाद लें कर ही अपने दिन की शुरुआत करें और तभी घर से कहीं बाहर जाएँ ,याद रखिये उनका कभी भी किसी भी दशा में दिल न दुखाएं ।

स्त्रियों को देवी का स्वरुप माना गया है घर की सभी स्त्रियों एवं किसी भी स्त्री को पूर्ण सम्मान दें शास्त्रों में भी लिखा है जिस घर में स्त्रियाँ प्रसन्न रहती है वहां पर सौभाग्य स्वयं खिंचा चला आता है ।

जीवन में स्थाई सुख और सफलता तभी प्राप्त होती है जब हमारे कर्म शुभ होते है , क्रोधी , लालची, अभिमानी , शक्ति का दुरूपयोग करने वाला , गलत तरीके से धन संग्रह करने वाले को यदि धन, शक्ति और सत्ता का आस्थाई सुख मिलता भी है तो उसको पारिवारिक जीवन का सुख नहीं मिलता है उसका बुढ़ापा कष्टमय बीतता है , उसके जीवन में निरंतर अस्थिरता बनी रहती है , उसके परिवार में कोई न कोई रोग बना ही रहता है इसलिए हम सभी को अपने कर्म अवश्य ही अच्छे करने चाहिए ।

यदि जीवन में लगातार कार्यों में बाधाएं आती है तो किसी भी दिन किसी मंदिर में अनाज के दाने चड़ाकर सच्चे मन से अपनी मनोकामना को कहिये , काम अवश्य ही निर्विघ्न रूप से पूर्ण और सफल होगा ।

सुबह उठते ही सर्वप्रथम अपने दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर गौर से देखें , फिर उसे ३ बार चूम कर अपने चेहरे पर फिराएं , उसके बाद अपने इष्टदेव को मन ही मन में प्रणाम करते हुए अपना दाहिना पावँ जमीन पर रखें , तत्पश्चात अपने माता - पिता के चरण छू कर उनसे आशीर्वाद लें उनका अभिवादन करें तभी कुछ और बोलें ..यह दिन की शुरुआत बहुत ही चमत्कारी मानी जाती है , इससे आप निश्चित ही पूरे दिन उत्साह और प्रसन्नता का अनुभव करेंगे ।

प्रतिदिन प्रातः काल कुल्ला करके सर्वप्रथम थोडा शहद चख लें , तत्पश्चात नियमित रूप से सुबह नहाने के बाद सूर्य देवता को ताम्बें के बर्तन में गुड़ / चीनी , फूल मिश्रित जल से अर्ध्य दिया करें , इससे जीवन में समस्त बाधाएँ दूर होती है एवं मान सम्मान ,ऐश्वर्य और सफलता की प्राप्ति होती है ।

मंगलवार के दिन मिट्टी के एक बर्तन में शुद्ध शहद भरकर किसी एकांत स्थान में चुपचाप रख आईये,कार्य निर्विघ्न रूप से बनने लगेंगे,ऐसा करने से पहले या बाद में इसे किसी को भी न बताएं ।

यदि गृह स्वामी अपने भोजन से गाय , चिड़िया और कुत्ते के लिए कुछ अंश निकालकर उन्हें नियमित रूप से खिला दें तो उसके घर में सदैव सुख और सौभाग्य का वास बना रहता है ।

रविवार को छोड़कर रोजाना सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ में सादा जल और शनिवार के दिन दूध, गुड / शक्कर , मिश्रित जल चड़ाकर और संध्या के समय धूप / कडवे तेल का दीपक अर्पित करके अपनी मनोकामना कहिये , हर कार्यों में शीघ्र ही सफलता मिलनी लगेगी ।

एक बिल्कुल नया लाल सूती वस्त्र लेकर उसमें जटायुक्त नारियल बांधकर प्रभु का स्मरण करते हुए उस नारियल से अपनी मनोकामना 7 बार कहें फिर उसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें , कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर होने लगेगीं ।
ॐ साईंराम ।।
सदैव आपका
डॉ संजय गील
श्री साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
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