Monday, March 30, 2015

रुद्राक्ष की असली पहचान

रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें
श्री गुरुदेवदत्त ।।
आमतौरपर आपने देखा होगा की मार्किट में रुद्राक्ष हर दुकान ,चुराहे व कई  कम्पनिया इसे बेच रही है, परन्तुइसकी पहचान करना बहुत ही कठिन है। एक मुखी व एकाधिक मुखीरुद्राक्ष महंगे होने के कारण नकली भी बाजार में बिक रहेहै। नकली मनुष्य असली के रूप में इन्हे खरीद तो लेता है परन्तु उसका फल नही मिलता ।

आपने देखा होगा कि कई रूद्राक्षोंपर गणेश, सर्प, वशिवलिंग की आकृति बना कर भी लाभ कमाया जाता है। ऐसी और भी बातों केकारण रूद्राक्ष मंहगे भाव में बेच दिय जाते हैं पर देखाजाये तो जो आदमी अध्यात्मिक विश्वास में रुद्राक्ष खरीदता है अगर उसे ऐसारुद्राक्ष मिल जाये तो उसे कोई लाभ नही बल्कि उसके अध्यात्मिक मन के साथधोखा होता है। आप ने कभी भी कोई रुद्राक्ष लेना तो विश्वसनीय स्थान से हीखरीदे।
यहाँ प्रस्तुत है रुद्राक्ष की पहचान के तरीके ताकिआप भी अपने ढंग से जान सकते है असली और नकली रुद्राक्ष कैसेहोते है।  
अकसरयह माना जाता है की पानी में डूबने वाला रुद्राक्ष असली और तैरने वालानकली होता है। यह सत्य नही है रुद्राक्ष का डूबना व तैरना उसके कच्चे पन वतेलियता की मात्रा पर निर्भर होता है पके होने पर व पानी में डूब जायेगा। दुसराकारण तांबे के दो सिक्को के बीच रुद्राक्ष को रख कर दबाने पर यो घूमताहै यह भी सत्य नही।

कोई दबाव अधिक लगायेगा तो वो किसी न किसी दिशा मेंअसली घूमेगा ही इस तरह की और धारणाये है जो की रुद्राक्ष के असली होने काप्रणाम नही देती। असली के लिए रुद्राक्ष को सुई से कुदेरने पर रेशा निकले तोअसली और कोई और रसायन निकले तो नकली असली रुद्राक्ष देखे तो उनके पठार एक दुसरे से मेल नही खाते होगे पर नकली रुद्राक्ष देखो या उनके ऊपरी पठार एक जैसे नजर आयेगा जैसे गोरी शंकर व गोरी पाठ रुद्राक्ष कुदरती रूप से जुड़े होते है परन्तु नकली रुद्राक्ष को काट कर इन्हे जोड़ना कुशल कारीगरों की कला है परन्तु यह कला किसी को फायदा नही दे सकती। ऐसे ही एक मुखी गोल दाना रुद्राक्ष काफी महंगा व अप्राप्त है पर कारीगर इसे भी बना कर लाभ ले रहे है। परन्तु पहनने वाले को इसका दोष लगता है।

नकलीरुद्राक्ष की धारिया सीधी होगी पर असली रुद्राक्ष की धारिया आढी टेडी होगी।कभी कबार बेर की गुठली पर रंग चढ़ाकर कारीगर द्वारा उसे रुद्राक्ष काआकार दे कर भी मार्किट में बेचा जाता है। इसकी परख के लिए इसे काफी पानी मेंउबालने से पता चल जाता है। परन्तु असल में कुछ नही होता वो पानी ठण्डा होनेपर वैसा ही निकलेगा। कोई भी दो जोड़े हुए रुद्राक्षों को आप अलग करेंगेतो बीच में से वो सपाट निकलेगें परन्तु असली आढा टेढा होकर टुटेगा। नोमुखी से लेकर 21 मुखी व एक मुखी गोल दाना गोरी शंकर गोरीपाठ आदि यह मंहगे रुद्राक्ष है।

रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ घंटे के लिए पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा| इसके आलावा आप रुद्राक्ष को पानी में डाल दें अगर वह डूब जाता है तो असली नहीं नहीं नकली| लेकिन यह जांच अच्छी नहीं मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष के डूबने या तैरने की क्षमता उसके घनत्व एवं कच्चे या पके होने पर निर्भर करती है और रुद्राक्ष मेटल या किसी अन्य भारी चीज से भी बना रुद्राक्ष भी पानी में डूब जाता है|
ॐ साईंराम ।।
आपका
डॉ संजय गील
श्री साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र चितोडगढ़
09829747053

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