Tuesday, March 24, 2015

आवला और ग्रहो की अनुकूलता

आंवले का प्रयोग और बुध और शुक्र की अनुकूलता
श्री गुरुदेवदत्त ।।
यहाँ बताया जा रहा है विष्णु और माँ लक्ष्मी के प्रिय फल आंवले द्वारा ग्रहो को अनुकूल करने का सरल उपाय।

आंवले का ज्योतिष में बुध ग्रह की पीड़ा शान्ति कराने के लिये एक स्नान कराया जाता है। जिस व्यक्ति का बुध ग्रह पीडि़त हो उसे शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को स्नान जल में- आंवला, शहद, गोरोचन, स्वर्ण, हरड़, बहेड़ा, गोमय एंव अक्षत डालकर निरन्तर 15 बुधवार तक स्नान करना चाहिए जिससे उस जातक का बुध ग्रह शुभ फल देने लगता है। इन सभी चीजों को एक कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। उपरोक्त सामग्री की मात्रा दो-दो चम्मच पर्याप्त है। पोटली को स्नान करने वाले जल में 10 मिनट के लिये रखें। एक पोटली 7 दिनों तक प्रयोग कर सकते है।

जिन जातकों का शुक्र ग्रह पीडि़त होकर उन्हे अशुभ फल दे रहा है। वे लोग शुक्र के अशुभ फल से बचाव हेतु शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को हरड़, इलायची, बहेड़ा, आंवला, केसर, मेनसिल और एक सफेद फूल युक्त जल से स्नान करें तो लाभ मिलेगा। इन सभी पदार्थों को एक कपड़े में बाधकर पोटली बना लें। उपरोक्त सामग्री की मात्रा दो-दो चम्मच पर्याप्त रहेगी। पोटली को स्नान के जल में दस मिनट के लिये रखें। एक पोटली को एक सप्ताह तक प्रयोग में ला सकते है।
विशेष- ये प्रयोग अगर नवरात्र और कार्तिक माह से प्रारम्भ करे तो सफलता शत प्रतिशत निश्चित है।
आपका
संजय गील
साईं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र 09829747053

1 comment: